https://www.youtube.com/watch?v=LBzzcoPjiOM
झुंझुनूं (राजस्थान) में हमारे मोहल्ले की होली अवश्य देखिये। पहले प्रातः पाँच बजे एक अति लोकप्रिय और प्रख्यात महात्मा हरिशरण जी महाराज का सत्संग/प्रवचन हुआ, फिर उनके नेतृत्व में प्रभातफेरी हुई, और उनके नेतृत्व में ही फूलों की होली हुई। अब फूलों की होली का प्रचलन हो गया है। होली खेलने के समय जम कर भजन-कीर्तन होते हैं। (इस वीडियो की रिकॉर्डिंग के मध्य में भूलवश कुछ समय तक ध्वनि नहीं आयी) भगवान की भक्ति का प्रबल जागरण हमारे यहाँ हो रहा है।पहले प्रातः पाँच बजे एक अति लोकप्रिय और प्रख्यात महात्मा हरिशरण जी महाराज का सत्संग/प्रवचन हुआ, फिर उनके नेतृत्व में प्रभातफेरी हुई, और उनके नेतृत्व में ही फूलों की होली हुई। अब फूलों की होली का प्रचलन हो गया है। होली खेलने के समय जम कर भजन-कीर्तन होते हैं। (इस वीडियो की रिकॉर्डिंग के मध्य में भूलवश कुछ समय तक ध्वनि नहीं आयी) भगवान की भक्ति का प्रबल जागरण हमारे यहाँ हो रहा है।
वृंदावन में श्रीराधा-कृष्ण के साथ जैसी होली मनाई जाती है, बिल्कुल वैसी ही होली खाटू-श्याम में भी मनायी जाती है। उसी तर्ज पर होली मनाना हमारे यहाँ भी आरंभ हो गया है, लेकिन रंगों के स्थान पर केवल फूलों की पत्तियों और प्राकृतिक सुगंधों का ही उपयोग होता है। रंगों का उपयोग नहीं के बराबर होता है।
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