Thursday, 5 September 2019

भगवान को हम दे ही क्या सकते हैं? ....

भगवान को हम दे ही क्या सकते हैं?
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स्वयं के अतिरिक्त अन्य कुछ भी नहीं| सब कुछ तो उन्हीं का है, सब कुछ भी वे ही हैं| इस देह रूपी वाहन के चालक वे ही हैं, और यह देह भी वे ही हैं| हम अपनी हर सांस के साथ-साथ अपने अहंकार रूपी शाकल्य की आहुति ही श्रुवा बन कर दे सकते हैं| यह आहुति ही है जो हम परमात्मा को दे सकते हैं, अन्य कुछ भी नहीं|
"ब्रह्मार्पणं ब्रह्महविर्ब्रह्माग्नौ ब्रह्मणा हुतम्| ब्रह्मैव तेन गन्तव्यं ब्रह्मकर्मसमाधिना||४:२४||
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वे कहते हैं .....
"यो मां पश्यति सर्वत्र सर्वं च मयि पश्यति| तस्याहं न प्रणश्यामि स च मे न प्रणश्यति"||६:३०||
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आप सब परमात्मा की सर्वश्रेष्ठ साकार अभिव्यक्तियों को मेरा नमन!
ॐ तत्सत् ! ॐ ॐ ॐ !!
कृपा शंकर
२२ अगस्त २०१९

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