किसी भी मनुष्य का आचरण तब तक विश्वसनीय नहीं है जब तक वह पूरी दृढ़ता से
परमात्मा में स्थिर नहीं है| कई लोग स्वयं को बहुत बड़ा महात्मा मानते हैं,
कई लोगों के बहुत सारे अनुयायी हो सकते हैं जो उन्हें भगवान मानते हैं, कई
लोग बहुत बड़ी बड़ी आध्यात्म की और दर्शन शास्त्रों की बातें कर सकते हैं, पर
उन के आचरण में यदि कुटिलता और असत्य है तो वे कुछ भी नहीं हैं| महत्व इस
बात का है कि हम परमात्मा की दृष्टि में क्या हैं, मनुष्य की दृष्टि में
नहीं| जीवन में आध्यात्मिक प्रगति के लिए निम्न साधन हैं जिन के बिना हम
जरा सी भी आध्यात्मिक उन्नति नहीं कर सकते.... (१) सात्विक आहार. (२)
स्वाध्याय और सत्संग. (३) नियमित आध्यात्मिक साधना| भगवान से यदि प्रेम है
तो वे निश्चित रूप से मार्गदर्शन करते हैं| आप सब को शुभ कामनायें और सादर
सप्रेम नमन !
कृपा शंकर
३ नवंबर २०१९
कृपा शंकर
३ नवंबर २०१९
किसी भी व्यक्ति की बड़ी बड़ी बातों से और दिखावटी आचरण से हमें प्रभावित नहीं होना चाहिए| मार्गदर्शन के लिए प्रत्यक्ष परमात्मा से ही प्रार्थना करें| जो कुछ भी मिलेगा वह स्वयं में स्थित परमात्मा से ही मिलेगा, दूसरों से नहीं| जब मैं कुछ मिलने की बात कहता हूँ, उसका अर्थ है परमात्मा में स्थिति, न कि कोई धन-दौलत| किसी से भी कोई अपेक्षा और आशा न रखें, स्वयं में ही आत्म-विश्वास रखें| जो आत्म-साक्षात्कार का मार्ग दिखाये वही सद्गुरु है| गुरु हमारी दृष्टि परमात्मा की ओर कर देता है| हृदय में एक तीब्र अभीप्सा और भक्ति का होना आवश्यक है| भगवान परमशिव हम सब का कल्याण करें| ॐ ॐ ॐ !!
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