Saturday, 19 October 2019

माया के "आवरण" और "विक्षेप" को हम भक्ति द्वारा पार करें .....

माया के "आवरण" और "विक्षेप" को हम भक्ति द्वारा पार करें .....
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माया के "आवरण" और "विक्षेप' को मैं सबसे बड़ी बाधा और शत्रु मानता था पर अब स्पष्ट हो गया है कि ये हमारे शत्रु नहीं बल्कि मित्र हैं जो चुनौतियों के रूप में सामने आते हैं| हर आध्यात्मिक साधक को ये चुनौतियाँ जगन्माता की कृपा से पार करनी ही पड़ती हैं| ये माया की शक्तियाँ हैं जो हमें परमात्मा से दूर रखती हैं| इनसे कोई लड़ नहीं सकता| इन्हें स्वीकार कर इनको पार ही करने के अलावा अन्य कोई विकल्प नहीं है| इनको पार करना हमारा पुरुषार्थ है| भक्ति के द्वारा इन्हें पार किया जा सकता है, और इन्हें पार करना ही पड़ेगा| परिस्थितियों को दोष न दें|
ॐ तत्सत् ! ॐ ॐ ॐ !!
कृपा शंकर
१० अक्टूबर २०१९

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