जो असंभव लगता है वह भी यथार्थ बन जाता है ....
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क्या किसी ने कभी कल्पना भी की थी कि जापान जैसा छोटा सा देश १९०५ में रूस को पराजित कर देगा? द्वीतिय विश्व युद्ध में जापान के पराजय की कल्पना तो अमेरिका ने भी नहीं की थी|
क्या किसी ने कभी सोचा भी था कि रूस में बोल्शेविक क्रांति होगी, सोवियत संघ का घटन होगा, और कालांतर में उसका विघटन भी होगा?
सल्तनत-ए-उस्मानिया (Ottoman Empire) का पतन और विघटन भी सदा अविश्वसनीय रहा|
द्वीतिय विश्वयुद्ध में विश्व की सबसे अधिक शक्तिशाली सेना वाले जर्मनी की कभी हार होगी, यह भी उस समय कल्पना के बाहर था|
जिस ब्रिटिश साम्राज्य में कभी सूर्यास्त नहीं होता था, उसका पराभव होगा और भारत को स्वतन्त्रता मिलेगी, यह भी आज से सौ वर्ष पूर्व तक कोई सोच भी नहीं सकता था|
विश्व की महाशक्ति अमेरिका ने भी कोरियाई और विएतनाम युद्ध में पराजय का मुंह देखा है| विश्व में अनेक चमत्कारिक घटनाएँ हुई हैं|
कोरोना नाम का परजीवी वायरस रूपी जैविक-अस्त्र चीन से निकल कर विश्व की अर्थ व्यवस्थाओं को ध्वस्त कर देगा, यह भी आज से दो माह पूर्व तक किसी ने सोचा भी नहीं था|
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आज जो इस बात पर भरोसा नहीं कर रहे हैं कि भारत एक आध्यात्मिक हिन्दू राष्ट्र बनेगा, जहाँ की राजनीति सनातन धर्म होगी, वे पता नहीं तब तक जीवित रहें या न रहें, पर यह एक फलीभूत होने वाला सत्य है| सूक्ष्म जगत की अनेक शक्तियाँ इस कार्य में लग गई हैं, जिन का सामना करने की शक्ति मनुष्य में नहीं है|
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हमारा यह संकल्प निश्चित रूप से सत्य होगा कि भारत माँ अपने द्वीगुणित परम वैभव के साथ अखंडता के सिंहासन पर बिराजमान होंगी और भारत में असत्य और अंधकार की शक्तियों का पराभव होगा|
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क्या किसी ने कभी कल्पना भी की थी कि जापान जैसा छोटा सा देश १९०५ में रूस को पराजित कर देगा? द्वीतिय विश्व युद्ध में जापान के पराजय की कल्पना तो अमेरिका ने भी नहीं की थी|
क्या किसी ने कभी सोचा भी था कि रूस में बोल्शेविक क्रांति होगी, सोवियत संघ का घटन होगा, और कालांतर में उसका विघटन भी होगा?
सल्तनत-ए-उस्मानिया (Ottoman Empire) का पतन और विघटन भी सदा अविश्वसनीय रहा|
द्वीतिय विश्वयुद्ध में विश्व की सबसे अधिक शक्तिशाली सेना वाले जर्मनी की कभी हार होगी, यह भी उस समय कल्पना के बाहर था|
जिस ब्रिटिश साम्राज्य में कभी सूर्यास्त नहीं होता था, उसका पराभव होगा और भारत को स्वतन्त्रता मिलेगी, यह भी आज से सौ वर्ष पूर्व तक कोई सोच भी नहीं सकता था|
विश्व की महाशक्ति अमेरिका ने भी कोरियाई और विएतनाम युद्ध में पराजय का मुंह देखा है| विश्व में अनेक चमत्कारिक घटनाएँ हुई हैं|
कोरोना नाम का परजीवी वायरस रूपी जैविक-अस्त्र चीन से निकल कर विश्व की अर्थ व्यवस्थाओं को ध्वस्त कर देगा, यह भी आज से दो माह पूर्व तक किसी ने सोचा भी नहीं था|
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आज जो इस बात पर भरोसा नहीं कर रहे हैं कि भारत एक आध्यात्मिक हिन्दू राष्ट्र बनेगा, जहाँ की राजनीति सनातन धर्म होगी, वे पता नहीं तब तक जीवित रहें या न रहें, पर यह एक फलीभूत होने वाला सत्य है| सूक्ष्म जगत की अनेक शक्तियाँ इस कार्य में लग गई हैं, जिन का सामना करने की शक्ति मनुष्य में नहीं है|
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हमारा यह संकल्प निश्चित रूप से सत्य होगा कि भारत माँ अपने द्वीगुणित परम वैभव के साथ अखंडता के सिंहासन पर बिराजमान होंगी और भारत में असत्य और अंधकार की शक्तियों का पराभव होगा|
ॐ तत्सत् ॐ ॐ ॐ ||
१२ अप्रेल २०२०
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