Wednesday, 20 August 2025

कल बहुत अधिक आनंद का पर्व जन्माष्टमी थी। आज दो लोक उत्सव हैं ---

 कल बहुत अधिक आनंद का पर्व जन्माष्टमी थी। आज दो लोक उत्सव हैं ---

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(१) आज महान लोकपर्व गोगा-नवमी है। सभी श्रद्धालुओं का अभिनंदन, बधाई और मंगलमय शुभ कामनाएँ। लोकदेवता जाहरवीर गोगा जी महाराज की जय॥
आज से गोगा जी का मेला सात दिन तक भरेगा। जाहरवीर गोगाजी महाराज राजस्थान के प्रमुख पाँच लोक देवताओं में से एक हैं। गुरु गोरखनाथ जी के आशीर्वाद से ये नागों के देवता हैं। राजस्थान के हर किसान के खेत में गोगा जी का एक छोटा सा मंडप अवश्य मिलेगा। जिन पर इनका आशीर्वाद हो, उन्हें सांप नहीं काट सकते। इनका पूरा नाम जाहरवीर राजा गोगाराव चौहान था, जिनका राज्य सतलज नदी से हरियाणा के हांसी तक था। इनकी राजधानी राजस्थान के चुरू जिले के ददरेवा में थी। राजस्थान की प्रायः सभी जनजातियाँ और किसान गोगा जी पर विशेष आस्था रखते हैं। गोगा जी नाग-वंश के क्षत्रिय राजा थे और गुरु गोरखनाथ जी के आशीर्वाद से नागों के देवता के रूप में पूजे जाते हैं। वे साँपों से रक्षा भी करते हैं, अतः उनमें लोगों की बहुत आस्था है। राजस्थान के सभी लोक देवता महान योद्धा थे जिन्होंने धर्म-रक्षार्थ बड़े दुर्धर्ष युद्ध किए। वे अमर हैं।
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(२) आज राजस्थान के झुंझुनू जिले में अरावली की पहाड़ियों में स्थित लोहार्गल तीर्थ से मालकेतु पर्वत की २४ कोसीय परिक्रमा आरंभ होगी। यह आस्था का बहुत बड़ा पर्व है, जिसमें लाखों लोग भाग लेते हैं। मालकेतु पर्वत की आराधना भगवान विष्णु के रूप में होती है। इस पर्वत को लोक आस्था से "मालकेत बाबा" कहते हैं। यह माउंट आबू के गुरु-शिखर के बाद अरावली पर्वतमाला का दूसरा सबसे ऊंचा शिखर है। इस परिक्रमा-पथ पर जल-कुंड सहित सात झरने आते हैं, जिनमें श्रद्धालु स्नान करते हैं।
वैष्णव खाकी अखाड़े के महंत जी की अगुवाई में यह यात्रा लोहार्गल के सूर्यकुंड स्थित भगवान सूर्यनारायण के मंदिर में पूजा-अर्चना व दर्शन के पश्चात साधू-संतों के नेतृत्व में आरम्भ होती है, जो भाद्रपद अमावस्या तक चलती है। आगे-आगे ठाकुर जी को पालकी में लेकर साधू-संत चलते हैं, पीछे-पीछे लाखों श्रद्धालु भजन-कीर्तन करते हुए चलते हैं। चिराणा, किरोड़ी घाटी, कोट गाँव, शाकम्भरी, सकराय, नागकुंड, टपकेश्वर, शोभावती, नीम की घाटी, खोरी कुंड व रघुनाथगढ़ होते हुए यह यात्रा अमावस्या के दिन बापस लोहार्गल पहुँचती है। सूर्यकुंड में अमावस्या के स्नान के पश्चात श्रद्धालू अपने अपने घर लौटना आरंभ कर देते हैं। पूरे मार्ग में स्वयंसेवी संस्थाओं और पंचायतों द्वारा श्रद्धालुओं की सुविधा की व्यवस्था की जाती है।
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आने वाला अगला लोकोत्सव आज से छठे दिन भाद्रपद अमावस्या पर झुंझुनू के विश्व प्रसिद्ध श्रीराणी सती जी मंदिर का वार्षिकोत्सव है।।
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ॐ तत्सत् ॥
कृपा शंकर
२० अगस्त २०२२

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