Sunday, 8 June 2025

"महाभय" का वह समय बहुत शीघ्र ही आने वाला है जिसके बारे में बचपन से ही सुनते आए हैं ----

 

"महाभय" का वह समय बहुत शीघ्र ही आने वाला है जिसके बारे में बचपन से ही सुनते आए हैं --
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(१) एक बात तो निश्चित है कि पश्चिमी प्रशांत महासागर में चीन का अमेरिका से महायुद्ध होना तय है। अमेरिका का साथ यदि कोई देश निर्णायक रूप से दे सकता है तो वह देश भारत है। भारत यदि उसी समय चीन पर आक्रमण कर के तिब्बत को अपने अधिकार में कर ले तो चीन का पराजित होकर सात टुकड़ों में बंटना निश्चित है।
इस समय अमेरिका (जो सबसे अधिक अविश्वसनीय देश है), भारत से मित्रता कर के भारत को इसीलिए शक्तिशाली बनाना चाहता है। दो-तीन दिन पूर्व अचानक ही अमेरिका के रक्षा मंत्री भारत आए थे। अब भारत के रक्षामंत्री अमेरिका जा रहे हैं। इसके बाद भारत के प्रधानमंत्री अमेरिका जाएँगे। भारत युद्ध में कूदेगा तो चीन के विरुद्ध भारत का साथ विएतनाम, ऑस्ट्रेलिया, जापान, फिलिपाइन्स, ताजिकिस्तान और किर्गीस्तान देंगे।
नेपाल तटस्थ रहेगा। रूस भी तटस्थ रहेगा, लेकिन भारत के विरुद्ध कुछ भी नहीं करेगा।
(a) भारत कैलाश-मानसरोवर को अपने में मिलाकर बाकी बचे तिब्बत और क्विङ्ग्हाई प्रांत को मिलाकर एक स्वतंत्र देश बना देगा।
(b) दूसरा भाग जो चीन से पृथक होगा, वह सिंजियांग प्रांत है। यह पूर्वी तुर्की कहलाता था। कभी भी चीन का भाग नहीं था।
(c) तीसरा भाग जो चीन से पृथक होगा वह मंचूरिया होगा, जिसे चीन ने तीन प्रान्तों में बाँट रखा है -- लियानोनिंग, जिलियान व हेलोंगजियांग।
(d) चौथा भाग जो चीन से पृथक होगा वह इन्नर मंगोलिया होगा जो चीन की दीवार के उत्तर में है।
(पास में ही एक छोटा सा प्रांत और है जिसका नाम निंगसिया है, उसके बारे में कुछ भी कहा नहीं जा सकता।)
(e) पांचवा भाग जो चीन से पृथक होगा वह गुयाङ्गदोंग प्रांत व हैनान द्वीप।
(f) छठा भाग जो चीन से अलग होगा वह होङ्ग्कोंग व मकाऊ होंगे।
(g) सातवाँ भाग ताइवान होगा जो इस समय भी चीन से पृथक है।
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भारत की सीमा चीन से कहीं पर भी नहीं लगेगी। चीन द्वारा कब्जाए गए सारे भारतीय क्षेत्रों को भारत छुड़ा लेगा। आउटर मंगोलिया इस समय एक बलहीन देश है लेकिन भारत को नैतिक समर्थन देगा। दोनों मंगोलिया एक हो जाएँगे। चीन से पृथक होने वाले सभी देश भारत के मित्र होंगे। भारत की विजय सुनिश्चित है। भारत विजयी होगा।
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(२) इज़राइल और ईरान के मध्य में युद्ध तय है। ऊंट किस करवट बैठेगा, यह कहा नहीं जा सकता। इसका भारत पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ेगा। युद्ध आरम्म्भ होते ही ईरान होरमुज जलडमरूमध्य को बंद कर देगा जिससे भारत की हानि होगी। फारस की खाड़ी से भारत का सारा व्यापार होरमुज के मार्ग से ही होता है।
यहाँ भी अमेरिका ईरान के विरुद्ध इज़राइल के साथ साथ लड़ाई में भाग लेगा।
भारत के लिए बाब-अल-मंडाब जलडमरूमध्य निर्बाध रूप से खुला रहना चाहिए। अन्यथा भारत की बहुत अधिक हानि हो सकती है। इस युद्ध में यमन खुल कर ईरान के साथ लड़ेगा। बाब-अल-मंडाब में यमन की दखल हो सकती है।
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विश्व का बहुत अधिक विनाश व जनसंहार होगा। सत्यनिष्ठापूर्वक जो लोग स्वधर्म (आत्मा के धर्म) में रत रहेंगे, भगवान उनकी रक्षा करेंगे। ॐ तत्सत् !!
कृपा शंकर
८ जून २०२३
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पुनश्च: --- पाकिस्तान पूरी तरह नष्ट होकर अंततः एक दिन बापस भारत में ही मिल जाएगा। वहाँ पर छाए असत्य का अंधकार भी एक दिन अवश्य दूर होगा।
भारत शाश्वत है, अजर और अमर है। भारत की संस्कृति पर जितना आक्रमण हुआ है उसके दस लाखवें भाग जितना आक्रमण भी किसी अन्य संस्कृति पर होता तो वह नष्ट हो जाती। भारत इस सृष्टि का भविष्य है। जो भारत को मिटाना चाहते हैं, वे सब मिट जाएँगे। भारत अमर है।

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