Sunday, 8 June 2025

संयुक्त राज्य अमेरिका में राज्य वहां की नौकरशाही का है, राष्ट्रपतियों का नहीं ---

संयुक्त राज्य अमेरिका में राज्य वहां की नौकरशाही का है, राष्ट्रपतियों का नहीं। वहाँ के राष्ट्रपति जनता को मूर्ख बनाकर आते हैं, लेकिन उनकी नहीं चलती, उन्हें वही काम करना पड़ता है जो वहाँ की नौकरशाही चाहती है। यह वैसा ही है जैसे भारत में सुप्रीम कोर्ट के जजों की चलती है, चुनी हुई सरकारों और सदन की नहीं।

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अभी ये ट्रम्प महोदय इस्लामिक आतंकवाद को नष्ट करने की घोषणा करते हुये आये थे, लेकिन एक माह पूर्व ही उन्होंने विश्व के सबसे बड़े इस्लामी आतंकी अहमद हुसैन अल-शरा (जन्म १९८२) से सऊदी-अरब में हाथ मिला लिया और उसे सीरिया के राष्ट्रपति के रूप में मान्यता दे दी। अल-क़ायदा के इस आतंकी अल-शरा के सिर पर अमेरिकी प्रशासन ने ही एक करोड़ अमेरिकी डॉलर के इनाम की घोषणा कर रखी थी। इस अल-शरा ने हजारों शिया मुसलमान पुरुषों, महिलाओं और बच्चों की हत्या करवाई हुई है। अहमद अल-शरा जिस दिन सीरिया का राष्ट्रपति बना, उस दिन पूरा दमिश्क नगर हजारों शिया मुसलमान पुरुष, महिलाओं व बच्चों की लाशों से भरा हुआ था।
अमेरिका ने सऊदी अरब के साथ विश्व इतिहास का सबसे बड़ा हथियारों का सौदा किया। दूसरा सबसे बड़ा हथियारों का सौदा संयुक्त अरब गणराज्य के साथ किया।
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अमेरिका की सरकारें बदलती हैं, लेकिन नीतियाँ नहीं बदलतीं। अमेरिकी राष्ट्रपति आते हैं और चले जाते हैं। वहाँ नौकरशाही की शक्ति बहुत मजबूत है। वे लोग वहाँ के राष्ट्रपति को अपने अनुसार चलने के लिए मजबूर कर देते हैं। जब कोई राष्ट्रपति चुनाव जीतता है, तो लोग सोचते हैं कि अब नीतियां बदलेंगी। लेकिन वास्तव में सत्ता वे लोग चलाते हैं जो सरकारी व्यवस्था का स्थायी भाग होते हैं। उन्हें न तो हटाया जाता है, न ही जनता चुनती है। उन्हीं का बनाया ढांचा चलता रहता है।
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ट्रम्प ने कहा था कि वे रूस से रिश्ते सुधारेंगे, और यूक्रेन युद्ध बंद करवा देंगे। लेकिन सत्ता में आने के बाद भी उनके सलाहकार अपनी नीतियाँ चलाते रहे। अमेरिकी राष्ट्रपति के वादे सिर्फ प्रचार में अच्छे लगते हैं, असली सत्ता किसी और के पास होती है, जो पर्दे के पीछे बैठे हैं। यही "Deep State" है। अमेरिकी जनता समझती है कि वो वोट देकर नीति बदलेगी, लेकिन नीति वही रहती है, चेहरा बदलता रहता है।
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संयुक्त राज्य अमेरिका की स्थापना ही इंग्लैंड के क्रूर दुर्दांत बदमाशों/अपराधियों ने की थी। ब्रिटेन, स्पेन और पुर्तगाल के दुर्दान्त अपराधी ही सजा काटने के लिए सजा के तौर पर अमेरिका भेजे गये। उन्हें हथियार दिये गए ताकि वे स्थानीय लोगों की हत्या कर के अपनी आजीविका चला सकें। मैं जार्ज वाशिंगटन को एक महान सेनापति समझता था, लेकिन वास्तविकता कुछ और है। उसने अंग्रेज़ कमांडर लॉर्ड कॉर्नवालिस को हराया, जिसे बाद में भारत का गवर्नर जनरल बनाया गया। इस लॉर्ड कॉर्नवालिस ने ही भारत में किसानों से भूमि छीनकर जमींदारी प्रथा आरंभ की। यूरोप के अपराधियों ने ही अमेरिका के ९ करोड़ मूल निवासियों की हत्या कर के आज का संयुक्त राज्य अमेरिका बसाया। अतः मूल रूप से यह अपराधियों द्वारा बसाया हुआ देश है।
कृपा शंकर
८ जून २०२५

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