कभी भूल कर भी निराश न हों, परिस्थितियाँ सदा एक सी नहीं रहतीं ---
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पूर्व जन्मों के संस्कारों के कारण जो लोग भगवान की भक्ति नहीं कर पा रहे हैं, वे निराश न हों, अगले जन्मों में उन्हें फिर से नया अवसर मिलेगा। घर-परिवार के लोगों की नकारात्मक सोच, गलत माँ-बाप के यहाँ जन्म, गलत पारिवारिक संस्कार और गलत वातावरण -- उन्हें कोई साधन-भजन नहीं करने देता। घर-परिवार के मोह के कारण ऐसे जिज्ञासु बहुत अधिक दुखी रहते हैं। इस जन्म में नहीं तो अगले जन्म में निश्चित ही उन्हें आध्यात्मिक प्रगति का एक नया अवसर मिलेगा।
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श्रद्धा और विश्वास रखो कि भगवान हैं, इसी समय हैं, सर्वदा हैं, यहीं पर हैं, और सर्वत्र हैं। मैं उनके हृदय में हूँ, और वे मेरे हृदय में हैं।
१६ जुलाई २०२०
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