Tuesday, 5 December 2017

कोई भी प्रतिक्रिया देने से पहले पूरी पोस्ट पढ़ें .....

कोई भी प्रतिक्रिया देने से पहले पूरी पोस्ट पढ़ें .....
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फेसबुक पर कुछ अत्यधिक उत्साही और अति सक्रिय लोग सिर्फ शीर्षक देखकर ही अनुमान लगा लेते हैं कि क्या लिखा है| पूरी पोस्ट तो पढ़ते ही नहीं हैं, पर अपनी भयंकर से भयंकर प्रतिक्रिया अभद्र शब्दों में देना शुरू कर देते हैं| उन्हें कम से कम यह तो देखना चाहिए कि क्या लिखा है| एक बार मैनें एक पोस्ट डाली थी जिस में मैनें मेरा यह विचार लिखा था कि प्रत्येक हिन्दू को कम से कम एक बार तो कुरान हदीस और बाइबिल अवश्य पढ लेनी चाहिए| लेख में मैनें इसके कारण भी विस्तार से लिखे थे| पर बिना मेरा लेख पढ़े और समझे, कुछ अति सक्रिय लोगों ने मेरे ऊपर गालियों की बौछार कर दी| फिर मैंने वह पोस्ट ही डिलीट कर दी|
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आपका बड़े से बड़ा विरोधी या प्रतिद्वंद्वी हो जब तक हम उसके विचार और सिद्धांत नहीं जानेंगे तब तक उस से अपना बचाव नहीं कर पायेंगे| सनातन धर्म के विरोधी जो मत हैं जब तक हमें उनके सिद्धांतों का ज्ञान नहीं होगा तब तक हम उनका सामना नहीं कर पाएँगे| एक बार जाकिर नाईक और श्री श्री रविशंकर एक मंच पर थे| श्री श्री रविशंकर वहाँ अपनी ओर से चलाकर धार्मिक सदभाव के लिए गए थे| जाकिर नाईक ने हिन्दू ग्रंथों से अनेक श्लोक उदधृत किये और घोषणा कर दी कि हिन्दू धर्मग्रंथों के अनुसार मोहम्मद साहिब ही कल्कि अवतार हैं, और कहा कि हिन्दू ग्रंथों में मोहम्मद साहिब के अवतार होने के बारे में साफ़ साफ़ लिखा है पर हिन्दुओं के पंडित उसे बताते नहीं हैं| जब रविशंकर जी के बोलने की बारी आई तब वे जाकिर नाईक के किसी भी तर्क का खंडन नहीं कर पाए क्योंकि उन्होंने इसकी तैयारी ही नहीं की थी| उन्होंने कुरान हदीस कभी पढी ही नहीं थी| वे हँस कर इतना ही कह पाए की मुझे पता नहीं था कि आपकी याददाश्त इतनी तेज है| दूसरे ही दिन जाकिर नाईक की संस्था ने लाखों कैसेट बनवा कर लाखों लोगों तक पहुँचा दिए जिनमें कहा गया था कि हिन्दू धर्म के सबसे बड़े विद्वान् श्री श्री रवि शंकर को जाकिर नाईक ने शास्त्रार्थ में हरा दिया है और यह मनवा दिया है कि मोहम्मद साहिब के अवतार होने के बारे में हिंदुओं की किताबों में भी लिखा है, अतः सब हिन्दुओं को इस्लाम कबूल कर लेना चाहिए|
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आजकल ईसाई पादरी भी भोलेभाले हिन्दुओं के समक्ष मोक्ष की बातें करते हैं और कहते हैं कि जीसस क्राइस्ट में सिर्फ विश्वास करने से ही मोक्ष मिल जाता है अतः और चक्करों में क्यों पड़ते हो, बपतीज्मा करवा लो और जीसस को अपना मसीहा स्वीकार कर लो, मोक्ष मिल जाएगा| उनका खंडन करने के लिए बाइबिल का ज्ञान भी होना चाहिए|
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एक हिन्दू आश्रम में हिन्दू विद्यार्थियों को तुलनात्मक रूप से कुरान हदीस और बाइबिल भी पढाई जाती है जिससे विद्यार्थियों को पता चल जाए कि उनमें क्या लिखा है ताकि "सर्वधर्म समभाव" का बहुत बड़ा झूठ उन पर प्रभाव नहीं डाले| मैंने भी बाइबिल के ओल्ड और न्यू टेस्टामेंट का अध्ययन किया था और विदेशों में कई पादरियों से इन पर बहस कर के उन को निरुत्तर भी किया है| मेरा यह स्पष्ट मानना है कि हिन्दू विद्यार्थियों को एक बार तुलनात्मक रूप से बाइबिल और कुरान को अवश्य पढ़ लेना चाहिए ताकि वे अज्ञान में न रहें| इन्हें पढ़कर ही तो इनकी निःसारता का पता चलेगा|
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हम तुलनात्मक रूप से अध्ययन नहीं करते अतः "सर्वधर्म समभाव" वाली झूठी और भ्रामक विचारधारा के शिकार बन जाते हैं|
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ॐ तत्सत् ! ॐ ॐ ॐ !!

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