मेरी सबसे बड़ी विफलताएँ ये रही है .....
(१) मैं स्वयं के प्रति ईमानदार नहीं रहा हूँ | स्वयं के साथ बहुत अन्याय किया है | पिछले कई दशकों से मैंने डायरी लिखना बंद कर दिया जो मुझे नित्य लिखनी चाहिए थी | नित्य लिखना था कि उस दिन के जीवन में कितनी उन्नति और कितनी अवनति हुई | अपनी असफलता के भय और प्रमाद से ही ऐसे हुआ | यह प्रमाद ही साक्षात मृत्यु थी |
(२) फालतू विचारों का त्याग नहीं कर पाया यह एक प्रमाद यानि साक्षात् मृत्यु थी| पता नहीं है कि जीवित हूँ या मृत हूँ |
(१) मैं स्वयं के प्रति ईमानदार नहीं रहा हूँ | स्वयं के साथ बहुत अन्याय किया है | पिछले कई दशकों से मैंने डायरी लिखना बंद कर दिया जो मुझे नित्य लिखनी चाहिए थी | नित्य लिखना था कि उस दिन के जीवन में कितनी उन्नति और कितनी अवनति हुई | अपनी असफलता के भय और प्रमाद से ही ऐसे हुआ | यह प्रमाद ही साक्षात मृत्यु थी |
(२) फालतू विचारों का त्याग नहीं कर पाया यह एक प्रमाद यानि साक्षात् मृत्यु थी| पता नहीं है कि जीवित हूँ या मृत हूँ |
अब तो सुधरने का एक अंतिम अवसर है| अब नहीं तो कभी नहीं| फिर पता नहीं कितने जन्मों तक होश नहीं आयेगा| हे जगन्माता, सहायता करो |
ॐ ॐ ॐ !!
ॐ ॐ ॐ !!
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