Wednesday, 12 July 2017

25 जून 1975 का वह काला दिन .....

25 जून 1975 का वह काला दिन .....
.
इंदिरा गाँधी ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के अपने विरुद्ध किये गए एक फैसले को पलटने के लिए देश में आपात्काल लगा दिया था| नेहरू खानदान की और कोंग्रेस की, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से पता नहीं क्या शत्रुता थी जो सब से पहिले संघ पर ही प्रहार किया गया| संघ पर प्रतिबंध लगाकर सारे स्वयंसेवकों को गिरफ्तार कर लिया गया| वे ही बच पाए जो समय पर भूमिगत हो गए थे| इस आपातकाल का सर्वाधिक विरोध और प्रतिकार भी संघ के स्वयंसेवकों ने ही किया था| जहाँ भी संघ का साहित्य मिलता उसे पुलिस द्वारा जला दिया जाता था| किसी स्वयंसेवक के घर में सब्जी काटने का चाक़ू मिला उस पर भी आर्म्स एक्ट लगा दिया| 

सारे विरोधी दलों के नेता बंदी बना लिए गए| २६ जून को सारे समाचार पत्रों के सम्पादकीय या तो खाली थे या काली स्याही से पुते हुए थे| लोगों ने आल इंडिया रेडियो सुनना छोड़कर BBC लन्दन सुनना शुरू कर दिया था| एक स्वयंसेवक की बेटी की का विवाह था, पुलिस उसे कन्यादान से पहिले ही विवाह में से उठाकर ले गयी|
इस तरह से बहुत अधिक अवर्णनीय अत्याचार हुए| मेरे परिचित लगभग सारे स्वयंसेवक मित्र बंदी बना लिए गए थे, जो बचे उन्होंने बाद में आन्दोलन कर के स्वयं को गिरफ्तार करवा लिया|


मुझे सितम्बर में ही विदेश जाने का अवसर मिल गया था अतः पूरे उन्नीस महीनों के पश्चात ही मैं भारत बापस आया, तब तक सरकार बदल चुकी थीऔर आपात्काल समाप्त हो गया था|


भगवान करे वैसे दिन बापस भारत में न आयें|

No comments:

Post a Comment