लगभग पच्चीस-तीस वर्षों पूर्व वेदान्त के शिखर पुरुष स्वामी रामतीर्थ के लेखों का संग्रह "In woods of God-realization" (आठ खंडों में) पढ़ा था। उस समय मेरी सम्पूर्ण चेतना में वेदान्त ही वेदान्त छा गया था। स्वामी रामतीर्थ के सारे प्रवचन १८वीं शताब्दी में बोली जाने वाली अङ्ग्रेज़ी भाषा में ही उपलब्ध हैं, जिनका संकलन उनके मित्र सरदार पूरण सिंह ने किया था। बाद में लखनऊ के स्वामी रामतीर्थ प्रतिष्ठान ने उनका हिन्दी अनुवाद भी उपलब्ध करवाया था, जो सौलह छोटी पुस्तकों के रूप में उपलब्ध था। अपने स्वयं के हाथों से लिखे गए साहित्य को तो उन्होंने अमेरिका से बापस आते समय समुद्र में, और उत्तराखंड में स्वयं के हाथों से लिखे गए साहित्य को गंगा जी में प्रवाहित कर दिया था। उनका जो भी साहित्य उपलब्ध है वह उनके मित्रों द्वारा संग्रहित है।
Tuesday, 4 November 2025
जिन की वेदान्त में रुचि है वे स्वामी रामतीर्थ के उपलब्ध साहित्य को अवश्य पढ़ें ---
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दीपावली आने वाली है। दीपावली के दिन ही वे पंजाब में (अब पाकिस्तान का भाग) अवतृत हुए थे और दीपावली के दिन ही उन्होने उत्तराखंड में गंगा जी में जीवित समाधि ले ली थी।
अमेरिका जाने से पूर्व वे लाहौर विश्वविद्यालय में गणित के प्रोफेसर थे।
वे पहले और अंतिम ऐसे गैर मुसलमान थे जिन्हें Cairo (Egypt) की मुख्य मस्जिद में प्रवचन देने के लिये निमंत्रित किया गया था। वहाँ फारसी भाषा में उन्होंने वेदान्त पर अपना बहुत प्रसिद्ध भाषण दिया था जो पुस्तक रूप में भी छपा था। भारत में भी वह उपलब्ध था। अब पता नहीं।
जिन की वेदान्त में रुचि है वे स्वामी रामतीर्थ के उपलब्ध साहित्य को अवश्य पढ़ें। धन्यवाद॥
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