Thursday, 29 July 2021

मेरा यह शरीर तो अणु-परमाणुओं से बना एक ऊर्जाखंड है, जिसमें प्राण फूँक दिये गए हैं ---

मेरा यह शरीर तो अणु-परमाणुओं से बना एक ऊर्जाखंड है, जिसमें प्राण फूँक दिये गए हैं। संसार मुझे इस शरीर के रूप में ही जानता है। जब तक प्राण इसमें हैं, यह परमात्मा की चेतना में ही रहे।

.
जिनका कभी जन्म ही नहीं हुआ, जो जीवन और मृत्यु से परे हैं, वे सच्चिदानंद भगवान परमशिव ही मेरे सर्वस्व हैं। सारे रूप उन्हीं के हैं। वे ही गुरु-रूप ब्रह्म हैं। वे ही सभी संबंधियों व मित्रों के रूप में आये और मेरा बहुत अधिक उपकार किया। हर कदम पर मेरी रक्षा की। शत्रुओं के रूप में भी आकर उन्होंने मेरे कर्म काटे। जीवन में अब और भटकाव न हो। सत्यनिष्ठा, अभीप्सा, परमप्रेम, और लगन बनी रहे।
ॐ तत्सत् !! ॐ ॐ ॐ !!
कृपा शंकर
२८ जून २०२१

No comments:

Post a Comment