Tuesday, 5 May 2020

भक्ति करने का कर्ताभाव एक धोखा है ....

भगवान की भक्ति करने का कर्ताभाव एक धोखा है, भक्ति भी वे हैं, और भक्त भी वे स्वयं ही हैं, कहीं कोई भेद नहीं है .....
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एक प्रेमी के लिए प्रेम करने का भाव एक मायावी धोखा है| प्रेम के पात्र तो सिर्फ भगवान हैं, अन्य कोई नहीं| प्रेम भी वे है, और प्रेमी भी वे ही हैं| करुणावश वे स्वयं ही स्वयं को प्रेम कर रहे हैं| प्रेम का ही दूसरा नाम भक्ति है| यह भक्ति करने और भक्त होने का भ्रम अंततः एक धोखा ही है| हम तो हैं ही नहीं| जो कुछ भी है, वह वे भगवान स्वयं ही हैं| वे स्वयं ही स्वयं को याद करते हैं| वे स्वयं ही यह "मैं" बन गए हैं| हम तो एक निमित्त मात्र हैं| इस देह के अंत समय में भी हे भगवन, तुम स्वयं ही स्वयं को याद कर लेना| यह तुम्हारा ही वचन है ...
"अहं स्मरामि मद्भक्तं नयामि परमां गतिम्|"
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हे मेरे उपास्य आराध्य देव, मैं तुम्हारा स्मरण/मनन/चिंतन/ध्यान करने में असमर्थ हूँ| तुम्हारी माया से पार पाना संभव नहीं है| तुम स्वयं ही यह जीवात्मा हो, अब तुम स्वयं ही इस जीवात्मा का उद्धार करो| मैं शाश्वत जीवात्मा, यह देह नहीं, फिर भी इसी की सुख-सुविधा और विलास में डूबा हुआ हूँ| इस की चेतना से निकलने में असमर्थ हूँ| अब तुम ही अनुग्रह करो| मैं तुम्हारी शरणागत हूँ| यह सर्वस्व बापस तुम्हें ही समर्पित कर रहा हूँ| मेरा लक्ष्य और गति तुम स्वयं हो| मैं इस मायावी विक्षेप और आवरण से जकड़ा हुआ हूँ, अब मेरी रक्षा करो| ये तुम्हारे ही वचन हैं ....
"सकृदेव प्रपन्नाय तवास्मीति च याचते| अभयं सर्वभूतेभ्यो ददाम्येतद् व्रतं मम||"
"सनमुख होइ जीव मोहि जबहीं| जन्म कोटि अघ नासहिं तबहीं||"
"अनन्याश्चिन्तयन्तो मां ये जनाः पर्युपासते| तेषां नित्याभियुक्तानां योगक्षेमं वहाम्यहम्||"
"तस्मात्त्वमुत्तिष्ठ यशो लभस्व जित्वा शत्रून् भुङ्क्ष्व राज्यं समृद्धम्|
मयैवैते निहताः पूर्वमेव निमित्तमात्रं भव सव्यसाचिन्||"
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हे रामा पुरुषोत्तमा नरहरे नारायण केशवा| गोविन्द गरुड़ध्वजा गुणनिधे दामोदर माधवा||
हे कृष्ण कमलापते यदुपते सीतापते श्रीपते| बैकुण्ठाधिपते चराचरपते लक्ष्मीपते पाहिमाम्||"
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"कायेन वाचा मनसेंद्रियैर्वा| बुद्ध्यात्मना वा प्रकृतिस्वभावात्| करोमि यद्यत् सकलं परस्मै| नारायणायेति समर्पयामि||"
Whatever I perform with my body, speech, mind, limbs, intellect, or my inner self either intentionally or unintentionally, I dedicate it all to Thee.
ॐ तत्सत् | ॐ ॐ ॐ ||
कृपा शंकर
८ मार्च २०२०

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