Thursday, 1 May 2025

मैं भगवान से प्रार्थना करता हूँ कि सम्पूर्ण विश्व में सत्य-सनातन-धर्म की पुनःप्रतिष्ठा हो, और भारत से असत्य का अंधकार सदा के लिए दूर हो।

मैं भगवान से प्रार्थना करता हूँ कि सम्पूर्ण विश्व में सत्य-सनातन-धर्म की पुनःप्रतिष्ठा हो, और भारत से असत्य का अंधकार सदा के लिए दूर हो।

नित्य प्रातः दो घंटे, और रात्रि को दो घंटे, जो श्रद्धालु हैं, वे भगवान का ध्यान करें। जिन्हें ध्यान का अभ्यास नहीं है, वे जपयोग करें। ध्यान अपने आप ही होने लगेगा। आप भगवान को सदा अपने साथ पायेंगे। जिनके पास समय है, वे सप्ताह में एक दिन, कम से कम आठ घंटे भगवान का ध्यान करें।

यह संसार भगवान का है, जिसे चलाने की जिम्मेदारी भगवान की है। हम तो निमित्त मात्र हैं। हमारे माध्यम से भगवान अपनी उपासना स्वयं कर रहे हैं। हमारी हर साँस भगवान के गहनतम ध्यान में ही व्यतीत हो। वास्तव में वे ही हमारे माध्यम से साँसें ले रहे हैं। कोई भी संशय हो तो उसका निराकरण भगवान से करें। उनसे नित्य बात करें, और जो भी पूछना हो वह प्रत्यक्ष उनसे ही पूछें।

भगवान के उन सभी रूपों की मैं वंदना करता हूँ, जिन्होंने आतताइयों के संहार के लिए अस्त्र-शस्त्र धारण कर रखे हैं।
मैं सम्पूर्ण सृष्टि के साथ एक हूँ, मुझसे अन्य कुछ भी नहीं है। सम्पूर्ण सृष्टि के रूप में भगवान अपनी उपासना स्वयं कर रहे हैं।
धर्म की जय हो, अधर्म का नाश हो, प्राणियों में सद्भावना हो, विश्व का कल्याण हो।
रां रामाय नमः !! ॐ तत्सत् !! ॐ ॐ ॐ !! कृपा शंकर २ मई २०२३

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