Monday, 12 May 2025

सब का साथ, सब का विकास --- .

 सब का साथ, सब का विकास ---

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किसी भी देश की वास्तविक संपदा उसके चरित्रवान, कार्यकुशल और सत्यनिष्ठ नागरिक होते हैं। अंधकार और प्रकाश साथ-साथ नहीं रह सकते। अमृत में थोड़ा सा विष मिला दिया जाये तो पूरा अमृत ही विष हो जाएगा।
अमृत का भी साथ, और विष का भी साथ --- किसी का विकास नहीं कर सकता। उसका परिणाम - मृत्यु है।
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समान नागरिक संहिता, हिंदुओं को धर्मशिक्षा का अधिकार, हिन्दू मंदिरों से सरकारी लूट की समाप्ति, आदि कई ऐसे मुद्दे हैं जिनसे हिंदुओं को बड़ी पीड़ा होती है। हिंदुओं के साथ भी समानता का व्यवहार हो। ये भी विकास-पुरुष से हमारी अपेक्षाएं हैं।
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जिनके कारण आप सत्ता में हैं, उन्हें नाराज न करें। जिन्हें आप प्रसन्न करने का प्रयास कर रहे हैं, वे कभी भी आपको अपना मत (Vote) नहीं देंगे।
शुभ कामनाएं !!
१३ मई २०२३

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