Monday, 19 May 2025

भगवान का शुक्र है कि हमारा जन्म भारत में नहीं हुआ ..... (एक पुरानी स्मृति)

भगवान का शुक्र है कि हमारा जन्म भारत में नहीं हुआ ..... (एक पुरानी स्मृति) -------------------------------------------------

लगभग ४० वर्ष पूर्व की बात है| मैं सर्दियों में नोर्वे के उत्तर में एक स्थान पर गया हुआ था| वहाँ की भौगोलिक स्थिति ऐसी है कि वहाँ उस मौसम में पूरे दिन और रात धुंध रहती है व आधी रात को कुछ समय के लिए सूर्य हल्के से चमकता है| वह क्षेत्र 'अर्धरात्रि के सूर्य' का स्थान कहलाता है|
वहाँ एक पार्टी में एक महिला ने मुझसे पूछा की मैं अपनी पत्नी से कितने समय से दूर हूँ? मैंने उत्तर दिया -- पाँच महीनों से| उसने और पूछा कि कितने दिनों बाद घर जाओगे? मैंने कहा -- और दो माह बाद| मेरा उत्तर सुनकर वह महिला भड़क गयी और कहा कि ---- सात माह बाद! और आपकी पत्नी ने अभी तक आपको तलाक़ नहीं दिया ? फिर वह उस हॉल के दूसरे कोने से अपने आदमी का हाथ पकड़कर लाई और मुझसे कहा कि --- देखो, यह मेरा आदमी है, यह मुझसे अगर सात दिन के लिए भी दूर चला जाए तो मैं इसे छोड़कर दूसरा विवाह कर लूँगी| वहाँ उपस्थित अन्य महिलाओं के लिए भी यह आश्चर्य का विषय था कि भारत में कोई स्त्री अपने पति के बिना कैसे इतने दिनों तक रह सकती है| मुझे उन महिलाओं की बातें स्पष्ट सुनाई दी कि --- "भगवान का शुक्र है कि हमारा जन्म भारत में नहीं हुआ|"
कृपा शंकर
१९ मई २०१९

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