Friday, 29 December 2017

आजकल सड़कों पर चलते हुए डर लगता है....

आजकल सड़कों पर चलते हुए डर लगता है....
(१) आवारा सांडों से ,
(२) तीब्र गति से चलते हुए दुपहिया वाहनों से.
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(१) गोसंवर्धन कानून सिर्फ देशी नस्ल की गायों के लिए ही होना चाहिए, विलायती नस्ल की गायों व सांडों के लिए नहीं| विलायती यानि विदेशी नस्ल (जो सूअर के जीन के साथ मिलाकर विकसित की गयी हैं) की गायों के बछड़े किसी काम के नहीं होते| गाँवों में वे खेती को हानि पहुँचाते हैं अतः किसान लोग पिकअप में भरकर या हाँक कर उन्हें नगरीय क्षेत्रों में छोड़ देते हैं| राजस्थान के हर नगर की सड़कें आवारा विलायती नस्ल के सांडों से भरी हुई है जिनसे दुर्घटनाएँ भी होती रहती हैं| पता ही नहीं चलता कि कब आकर वे टक्कर मार दें या वाहनों को तोड़ दें| अतः सडकों पर बहुत संभल कर चलना पड़ता है| वाहन भी बहुत संभल कर चलाना पड़ता है| सब्जी बेचने वाले बहुत अधिक त्रस्त रहते हैं| वे उन्हें लाठियों से मार मार कर भगाते रहते हैं| ये आवारा सांड गन्दगी में मुंह मारते घूमते रहते हैं और लोगों से मार खाते रहते हैं| ये किसी काम के नहीं होते अतः कोई गोशाला भी इन्हें नहीं रखती| इनके लिए विशेष बाड़े बनाने चाहियें या इनके लिए अभयारण्य हों जैसे बाघों के लिए हैं|
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(२) आजकल सडकें दुपहिया वाहनों से भरी हुई हैं| युवा लड़के और लड़कियाँ बहुत तीब्र गति से वाहन चलाते हैं| इनको अपने प्राणों की भी परवाह नहीं होती| लडकियाँ तो लड़कों से भी अधिक तीब्र गति से स्कूटी चलाती हैं| सड़कों पर इन्हें देखकर ही डर लगता है| बहुत अधिक संभल कर सड़क पार करनी पड़ती है| कुछ न कुछ सुव्यवस्था इनके लिए होनी ही चाहिए|


११ दिसंबर २०१७

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