यह कठिन समय भी अब अति शीघ्र ही निकल जाएगा| पहिले की लिखी हुई अपनी सारी नकारात्मक पोस्ट अब डिलीट कर रहा हूँ| उन क्षणों में मेरी सोच ही गलत हो गई थी| कोई भी नकारात्मक लेख कभी भी नहीं लिखने चाहियें, और नकारात्मक लिखने वाले दूसरे लोगों को भी अमित्र और ब्लॉक कर देना चाहिए|
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चाहे सारा ब्रह्मांड टूट कर बिखर जाये, भगवान के भक्त का कुछ भी नहीं बिगड़ सकता, यह स्पष्ट आश्वासन भगवान ने स्वयं दे रखा है| सारे प्रारब्ध कर्मफल और बुरे से बुरे ग्रह-नक्षत्र भी हमारा कुछ भी नही नहीं बिगाड़ सकते, जब हमारे समर्पण में पूर्णता हो| भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं....
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"अनन्याश्चिन्तयन्तो मां ये जनाः पर्युपासते| तेषां नित्याभियुक्तानां योगक्षेमं वहाम्यहम्||९:२२||"
"यत्करोषि यदश्नासि यज्जुहोषि ददासि यत् यत्तपस्यसि कौन्तेय तत्कुरुष्व मदर्पणम्||९:२७||
"शुभाशुभफलैरेवं मोक्ष्यसे कर्मबन्धनैः| संन्यासयोगयुक्तात्मा विमुक्तो मामुपैष्यसि||९:२८||
"समोऽहं सर्वभूतेषु न मे द्वेष्योऽस्ति न प्रियः| ये भजन्ति तु मां भक्त्या मयि ते तेषु चाप्यहम्||९:२९||"
"अपि चेत्सुदुराचारो भजते मामनन्यभाक्| साधुरेव स मन्तव्यः सम्यग्व्यवसितो हि सः||९:३०||"
"क्षिप्रं भवति धर्मात्मा शश्वच्छान्तिं निगच्छति| कौन्तेय प्रतिजानीहि न मे भक्तः प्रणश्यति||९:३१||"
"मां हि पार्थ व्यपाश्रित्य येऽपि स्युः पापयोनयः| स्त्रियो वैश्यास्तथा शूद्रास्तेऽपि यान्ति परां गतिम्||९:३२||"
"किं पुनर्ब्राह्मणाः पुण्या भक्ता राजर्षयस्तथा| अनित्यमसुखं लोकमिमं प्राप्य भजस्व माम्||९:३३||"
"मन्मना भव मद्भक्तो मद्याजी मां नमस्कुरु| मामेवैष्यसि युक्त्वैवमात्मानं मत्परायणः||९:३४||"
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अब बात भगवान की ही सुनेंगे, न कि परनिंदकों की|
भगवान श्रीराम ने स्पष्ट आश्वासन दे रखा है .....
"सकृदेव प्रपन्नाय तवास्मीति च याचते| अभयं सर्वभूतेभ्यो ददाम्येतद् व्रतं मम|| वाल्मीकि रामायण ६:१८:३३||"
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"एकोऽपि कृष्णस्य कृतः प्रणामो दशाश्वमेधावभृथेन तुल्यः| दशाश्वमेधी पुनरेति जन्म कृष्णप्रणामी न पुनर्भवाय|| (महाभारत, शान्तिपर्व ४७/९२)"
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भगवान हैं अतः हम निर्भय हैं| उनके होते हुए हमारा कोई कुछ भी नहीं बिगाड़ सकता|
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय !! ॐ शिव !!
कृपा शंकर
२२ मई २०२०
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