सम्पूर्ण भारत -- परमात्मा की दिव्य ज्योति से आलोकित हो; असत्य का अंधकार सदा के लिए दूर हो। मैं वर्णाश्रम-धर्म और भारत की पुरातन-शिक्षा व कृषि-व्यवस्था का पूर्ण समर्थन करता हूँ। अपने द्विगुणित परम वैभव और सत्य-निष्ठा के साथ भारत अखंडता के सिंहासन पर बिराजमान हो।
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सम्पूर्ण भारत में भगवान श्रीकृष्ण की मुरली की मधुर ध्वनि, और भगवान श्रीराम के कोदंड धनुष की टंकार सुनाई दे। धर्म रूप नंदी पर बैठ कर भ्रमण करते हुए भगवान शिव सभी को सर्वत्र दृष्टिगोचर हों। पूरा भारत सत्य-धर्मनिष्ठ हो। और कुछ भी नहीं चाहिये।
ॐ शांति शांति शांति॥ ॐ ॐ ॐ॥
कृपा शंकर
२४ मई २०२३
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