Monday, 21 April 2025

गुरु वंदना जो नित्य हमें करनी चाहिए ---

 गुरु वंदना जो नित्य हमें करनी चाहिए ---

.
"ॐ गं गणपतये नमः॥ श्रीगुरवे नमः॥ श्रीपरमगुरवे नमः॥ श्रीपरात्परगुरवे नमः॥
श्रीपरमेष्ठिगुरवे नमः॥ श्रीपरमात्मने नमः॥"
.
"ब्रह्मानन्दं परमसुखदं केवलं ज्ञानमूर्तिम्।
द्वन्द्वातीतं गगनसदृशं तत्त्वमस्यादिलक्ष्यम्।
एकं नित्यं विमलमचलं सर्वधीसाक्षिभूतम्
भावातीतं त्रिगुणरहितं सद्गुरुं तं नमामि॥"
.
"ॐ ऐं ह्रीं श्रीं गुरवे नमः॥"
-----------------------
इस से आगे अपनी अपनी गुरु-परंपरा के अनुसार करे। पूजा श्रीगुरु की "चरण पादुका" की होती है, गुरु के देह की नहीं।
उपरोक्त लिखी गुरु-वंदना तो न्यूनतम और अनिवार्य है, जिसका विस्तार भी किया जा सकता है।
-----------------------
ॐ तत्सत् ॥
२२ अप्रेल २०२४

No comments:

Post a Comment