सृष्टि के आदिकाल से ही भारतवर्ष एक 'हिन्दू राष्ट्र' था, अभी भी हैै, और सदा ही रहेगा ----
"हिन्दू राष्ट्र' ऐसे व्यक्तियों का समूह है जो निज जीवन में अपने सर्वश्रेष्ठ को यानि परमात्मा को व्यक्त करना चाहते हैं, चाहे वे किसी भी देश के नागरिक हों या किसी भी मनुष्य जाति में उन्होने इस पृथ्वी पर जन्म लिया हो| भारतवर्ष का यही संदेश है| अतः भारतवर्ष एक हिन्दू राष्ट्र है| हिन्दुत्व एक ऊर्ध्वमुखी भाव है जिस से जीवन में समुत्कर्ष (अभ्युदय ... यानि बहुमुखी सर्वोच्च विकास) व निःश्रेयस (सभी दुःखों से मुक्ति) की सिद्धि होती है|
जब से सृष्टि आरंभ हुई है, तभी से जिस धर्म का जन्म हुआ, जिस से सारी सृष्टि संचालित है, वह सनातन धर्म है, जो अब हिन्दू धर्म के नाम से जाना जाता है| कोई माने या न माने, कुछ सत्य सनातन नियम हैं जो कभी परिवर्तित नहीं हो सकते .....
"हम यह देह नहीं, शाश्वत आत्मा हैं| आत्मा कभी नष्ट नहीं होती| हमारी सोच और हमारे विचार ही हमारे कर्म हैं जिन का फल भोगने को हम बाध्य हैं| उन कर्मफलों को भोगने के लिए ही बार बार हमें जन्म लेना पड़ता है| ईश्वर करुणा और प्रेमवश हमारे कल्याण हेतु अवतार लेते हैं| जीवभाव से मुक्त हो कर परमात्मा में शरणागति व समर्पण हमें इस जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्त करते हैं| यह सृष्टि परमात्मा का एक संकल्प है| परमात्मा की प्रकृति अपनी सृष्टि के संचालन का हर कार्य अपने नियमों के अनुसार करती है| उन नियमों को न जानना हमारा अज्ञान है| परमात्मा से परमप्रेम ही भक्ति है जिस की परिणिती ज्ञान है|"
सरलतम भाषा में यही हिन्दू धर्म का सार है, बाकी सब इसी का विस्तार है| जो मनुष्य इस में आस्था रखते हैं, वे स्वतः ही हिन्दू हैं| हमारी मान्यता से प्रकृति के नियमों पर कोई अंतर नहीं पड़ता| प्रकृति तो अपने नियमों के अनुसार ही कार्य करती रहेगी|
ॐ तत्सत् ! ॐ ॐ ॐ !!
कृपा शंकर
२३ फरवरी २०२०
कृपा शंकर
२३ फरवरी २०२०
असत्य और अंधकार की शक्तियाँ भारत की अस्मिता को नष्ट करना चाहती हैं| उनकी वास्तविकता सामने आ रही हैं| अंततः भारत विजयी होगा| ये राक्षसी शक्तियाँ पराभूत होंगी| भारत माता अपने द्वीगुणित परम वैभव के साथ अखंडता के सिंहासन पर बिराजमान होंगी| धर्म की पुनर्प्रतिष्ठा और वैश्वीकरण होगा| अधर्म का नाश होगा| हम अपने धर्म पर अडिग और दृढ़ रहें|
ReplyDeleteभारत माता की जय| ॐ ॐ ॐ ||