हिंदुत्व, हिन्दूराष्ट्र और भारतमाता .....
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हिंदुत्व एक ऐसी ऊर्ध्वमुखी चेतना है जो मनुष्य को निरंतर परमात्मा की ओर उन्मुख व अग्रसर करती है| ऐसी ही विभा में रत आदर्श लोगों का समूह हिन्दु राष्ट्र हिन्दुस्तान भारतवर्ष है जो हिंसा से सदा दूर है|
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हे जगन्माता, भारत के भीतर और बाहर के सभी शत्रुओं का समूल नाश करो| इस राष्ट्र में कहीं भी अन्धकार और असत्य की शक्तियों का अस्तित्व न रहे| इस राष्ट्र में सारे सदगुण हों, इस राष्ट्र को द्विगुणित परम वैभव, सर्वशक्तिसम्पन्नता और परम ऐश्वर्य प्रदान करो| इस राष्ट्र में सभी नागरिक तपस्वी, तेजस्वी व शक्तिशाली बनें, उन्हें तप करने का सामर्थ्य, निरंतर ब्रह्मचिंतन और स्वाध्याय करने की शक्ति और प्रेरणा दो| यहाँ आत्म-ज्ञानी महान आत्माओं का जन्म हो, इस राष्ट्र को आध्यात्म और ज्ञान के शिखर पर आरूढ़ करो|
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यह राष्ट्र हमारे लिए माता है, कोई भूखंड मात्र नहीं| इस राष्ट्र की आध्यात्मिक आत्मा को हम भारतमाता कहते हैं| भारतमाता अपने द्वीगुणित परम वैभव के साथ अखण्डता के सिंहासन पर बिराजमान हों, कहीं कोई अन्धकार व असत्य का अस्तित्व न रहे|
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ॐ तत्सत् ! ॐ ॐ ॐ !!
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हिंदुत्व एक ऐसी ऊर्ध्वमुखी चेतना है जो मनुष्य को निरंतर परमात्मा की ओर उन्मुख व अग्रसर करती है| ऐसी ही विभा में रत आदर्श लोगों का समूह हिन्दु राष्ट्र हिन्दुस्तान भारतवर्ष है जो हिंसा से सदा दूर है|
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हे जगन्माता, भारत के भीतर और बाहर के सभी शत्रुओं का समूल नाश करो| इस राष्ट्र में कहीं भी अन्धकार और असत्य की शक्तियों का अस्तित्व न रहे| इस राष्ट्र में सारे सदगुण हों, इस राष्ट्र को द्विगुणित परम वैभव, सर्वशक्तिसम्पन्नता और परम ऐश्वर्य प्रदान करो| इस राष्ट्र में सभी नागरिक तपस्वी, तेजस्वी व शक्तिशाली बनें, उन्हें तप करने का सामर्थ्य, निरंतर ब्रह्मचिंतन और स्वाध्याय करने की शक्ति और प्रेरणा दो| यहाँ आत्म-ज्ञानी महान आत्माओं का जन्म हो, इस राष्ट्र को आध्यात्म और ज्ञान के शिखर पर आरूढ़ करो|
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यह राष्ट्र हमारे लिए माता है, कोई भूखंड मात्र नहीं| इस राष्ट्र की आध्यात्मिक आत्मा को हम भारतमाता कहते हैं| भारतमाता अपने द्वीगुणित परम वैभव के साथ अखण्डता के सिंहासन पर बिराजमान हों, कहीं कोई अन्धकार व असत्य का अस्तित्व न रहे|
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ॐ तत्सत् ! ॐ ॐ ॐ !!
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