समाज और राष्ट्र में व्याप्त अज्ञानता और अन्धकार दूर कैसे हो ? .....
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पूरी सृष्टि परमात्मा के संकल्प से बनी है| परमात्मा से जुड़कर ही कोई सृजनात्मक कार्य और समस्याओं का समाधान किया जा सकता है| इसके लिए साधना और समर्पण आवश्यक है| भगवान भुवनभास्कर की उपस्थिति मात्र से ही कहीं पर भी कोई अन्धकार नहीं रहता| उसी तरह हमें अपने निज जीवन को ज्योतिर्मय बनाना होगा तभी हम समाज और राष्ट्र में व्याप्त अन्धकार और अज्ञानता को दूर कर सकते हैं, अन्यथा नहीं| सिर्फ बुद्धि से ही हम किसी निर्णय पर नहीं पहुँच सकते| किसी भी मान्यता के पीछे निज अनुभव भी होना चाहिए|
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पूरी सृष्टि परमात्मा के संकल्प से बनी है| परमात्मा से जुड़कर ही कोई सृजनात्मक कार्य और समस्याओं का समाधान किया जा सकता है| इसके लिए साधना और समर्पण आवश्यक है| भगवान भुवनभास्कर की उपस्थिति मात्र से ही कहीं पर भी कोई अन्धकार नहीं रहता| उसी तरह हमें अपने निज जीवन को ज्योतिर्मय बनाना होगा तभी हम समाज और राष्ट्र में व्याप्त अन्धकार और अज्ञानता को दूर कर सकते हैं, अन्यथा नहीं| सिर्फ बुद्धि से ही हम किसी निर्णय पर नहीं पहुँच सकते| किसी भी मान्यता के पीछे निज अनुभव भी होना चाहिए|
जीवन की किसी भी जटिल समस्या और बुराई का समाधान मात्र स्वयं के प्रयास से
नहीं हो सकता| परमात्मा की करुणामयी कृपा का होना अति आवश्यक है| निष्काम
भाव से परमात्मा के प्रति पूर्ण प्रेम और समर्पण ही सब समस्याओं का समाधान
है| फिर योग-क्षेम का वहन वे ही करते हैं|
हम सब के जीवन में शुभ ही शुभ हो| सभी को नमन ! ॐ तत्सत् ! ॐ ॐ ॐ !!
कृपा शंकर
२५ अक्टूबर २०१७
हम सब के जीवन में शुभ ही शुभ हो| सभी को नमन ! ॐ तत्सत् ! ॐ ॐ ॐ !!
कृपा शंकर
२५ अक्टूबर २०१७
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