सनातन धर्म को डेंगू, मलेरिया व कोरोना की बीमारी बताने वाले और सनातन धर्म को समाप्त करने की घोषणा करने वाले राक्षसों का सर्वनाश होगा। देश की अनेक संवैधानिक संस्थाएँ भी सनातन धर्म को नष्ट करना चाहती हैं। वे सब काल के गाल में समा जाएँगी। धर्म की रक्षा स्वयं भगवान करेंगे, गीता में उन्होने वचन दिया है --
"यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत।
"परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्।
धर्मसंस्थापनार्थाय संभवामि युगे युगे॥४:८॥"
अर्थात् -- हे भारत ! जब-जब धर्म की हानि और अधर्म की वृद्धि होती है, तब-तब मैं स्वयं को प्रकट करता हूँ॥
साधु पुरुषों के रक्षण, दुष्कृत्य करने वालों के नाश, तथा धर्म संस्थापना के लिये, मैं प्रत्येक युग में प्रगट होता हूँ॥
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जो भगवान के उपकरण नहीं बनेंगे, उनका भी न्याय होगा। हिंदुओं को कोई भी कुछ भी गाली देकर या बुरा बोल कर चला जाता है। क्या हिंदुओं की आत्मा मर गई है, जो उन्हें सहन करती हैं? अगला चुनाव हमारी अस्मिता और आत्म-सम्मान की रक्षा के लिए युद्ध होगा।
गलती किसी अन्य की नहीं, हम हिंदुओं की ही है। अपना अपमान हम समझते ही नहीं हैं। हिंदुओं को सारे हिन्दू-द्रोही महामूर्ख समझते हैं। हम है भी मूर्ख ही, जो स्वयं के घोर अपमान पर भी चुप हो जाते हैं। इतनी आत्म-हीनता नहीं होनी चाहिए। चुनाव के दिनों में जो ठग लोग गले में जनेऊ डालकर, माथे पर तिलक लगाकर, और स्वयं को ब्राह्मण बताकर हमें मूर्ख बनाते हैं, उनके बहकावे में मत आयें। हमें अपना स्वाभिमान हर कीमत पर जीवित रखना है।
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