Saturday, 5 July 2025

दोनों आँखों के मध्य में स्वर्ग का द्वार है। आज्ञा चक्र का वेधन - स्वर्ग में प्रवेश है ---

 दोनों आँखों के मध्य में स्वर्ग का द्वार है। आज्ञा चक्र का वेधन - स्वर्ग में प्रवेश है।

मेरु दंड को सीधा रखते हुए अपनी चेतना को हर समय भ्रूमध्य में स्थिर रखने का प्रयास करते रहें। जो उन्नत साधक हैं वे अपनी चेतना को सहस्त्रार में रखें।
मैं किसी भी तरह की साधना का उल्लेख अब से भविष्य में कभी भी नहीं करूंगा।
अपनी अपनी गुरु-प्रदत्त साधना करें। कोई कमी होगी तो आपके गुरु महाराज उसका शोधन कर देंगे।
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सांस को स्वाभाविक रूप से चलने दो। ह्रदय को एक अहैतुकी परम प्रेम से भर दो। इस प्रेम को सबके हृदयों में जागृत करने की प्रार्थना करो। जितना हो सके उतना भगवान का ध्यान करो। यह सर्वश्रेष्ठ सेवा है है जो हम समष्टि के लिए कर सकते हैं। जो भी अनुभव होंगे वे आपके निजी अनुभव होंगे।
ॐ तत्सत् !!
६ जुलाई २०२२

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