Sunday, 15 June 2025

ब्रह्ममुहूर्त में भगवान अपने प्रेमियों को पकड़ ही लेते हैं ---

 ब्रह्ममुहूर्त में भगवान अपने प्रेमियों को पकड़ ही लेते हैं ---

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भगवान की पकड़ से छुटना असंभव है। धन्य हैं वे प्रेमी जिन्हें भगवान पकड़ लेते हैं और छोड़ते नहीं हैं। उठते ही थोड़ा उष:पान करें, और सब शंकाओं से निवृत होकर अपना आसन ग्रहण कर, अपनी-अपनी गुरु-परंपरानुसार ध्यान करें।
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भगवान को अपना सारा अस्तित्व समर्पित कर दें, फिर ज्योतिर्मय ब्रह्म का ध्यान करें। आप यह नश्वर देह नहीं, शाश्वत ज्योतिर्मय ब्रह्म, और परमात्मा की सर्वव्यापकता हैं। आप ज्योतिषांज्योति, सारे सूर्यों के सूर्य, और प्रकाशों के प्रकाश हैं। आप परमात्मा की पूर्ण अभिव्यक्ति और प्रियतम प्रभु के साथ एक हैं।
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शिवोहं शिवोहं शिव शिव शिव !! अहं ब्रह्मास्मि !! ॐ ॐ ॐ ||
कृपा शंकर
१६ जून २०२३

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