Sunday, 13 April 2025

"मज़हब ही है सिखाता आपस में बैर रखना" ---

 "मज़हब ही है सिखाता आपस में बैर रखना" ---

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ईरान और इज़राइल के मध्य का युद्ध एक मज़हबी युद्ध है, और कुछ भी नहीं। यह यहूदियों और शियाओं के मध्य का एक युद्ध है। इसी तरह इज़राइल और हमास के मध्य का युद्ध भी सुन्नियों और यहूदियों के मध्य का एक युद्ध था।
ईरान और इज़राइल के मध्य तो कोई क्षेत्रीय सीमा भी नहीं मिलती। एक-दूसरे के हितों पर भी कोई अतिक्रमण नहीं है। लेकिन फिर भी एक-दूसरे का गला काटने को तैयार हैं।
यूरोप के लोगों ने उत्तरी और दक्षिण अमेरिकी महाद्वीपों, ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप, और न्यूज़ीलेंड के करोड़ों मूल निवासियों की हत्या क्यों की?
पुर्तगालियों और अरबों व तुर्कों ने अपने से विधर्मी करोड़ों लोगों की हत्या क्यों की?
क्या ये हत्यारे भटके हुए नौजवान थे? क्या ये हत्यारे अनपढ़, जाहिल और दरिद्र थे? नहीं ! ये सब मज़हबी उन्मादी थे। वर्तमान में जितने भी नर-संहार हो रहे हैं, वे सब मज़हबी उन्मादियों द्वारा हो रहे हैं।
"मज़हब ही है सिखाता आपस में बैर रखना।"
१४ अप्रेल २०२४

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