Sunday, 13 April 2025

मनुष्य की प्रज्ञा ने ही इस पृथ्वी पर मनुष्यों की रक्षा की है, और प्रज्ञा-अपराध ही मनुष्य जाति का विनाश करेंगे ---

 मनुष्य की प्रज्ञा ने ही इस पृथ्वी पर मनुष्यों की रक्षा की है, और प्रज्ञा-अपराध ही मनुष्य जाति का विनाश करेंगे ---

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जो मैं लिखने जा रहा हूँ, वह सिर्फ पिछले दशक व वर्तमान के घटनाक्रमों व संभावित भावी घटनाक्रमों पर आधारित मेरे निजी विचार हैं, जिनका ज्योतिष-विद्या से कोई संबंध नहीं है। यह सिर्फ मेरा निजी आंकलन है, अतः किसी को ठेस पहुंचाने का कोई प्रश्न ही नहीं उठता।
इस समय दो अति कट्टर विचारधाराओं ने पूरे विश्व को त्रस्त कर रखा है, इन दोनों विचारधाराओं का विनाशकाल इसी वर्ष से आरंभ हो जायेगा। पहली विचारधारा का मैं नाम ही नहीं लेना चाहता, यूरोप और मध्य-पूर्व एशिया से उसका पतन आरंभ हो चुका है। उसका अंत समय अधिक दूर नहीं है।
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दूसरी विचारधारा चीनी मार्क्सवाद और विस्तारवाद है। मुझे लगता है कि अगले दो-तीन वर्षों में भारत, अमेरिका, विएतनाम, फिलिपाइन्स, मलयेशिया, ऑस्ट्रेलिया व जापान से -- चीन का युद्ध होगा, जिसमें चीन हारेगा, और चीन के छह टुकड़े हो जायेंगे।
सबसे पहले चीन से तिब्बत और क्विङ्ग्हाई प्रांत अलग होंगे जो मिलकर एक स्वतंत्र विशाल तिब्बत देश बना लेंगे। कैलाश और मानसरोवर को भारत अपने अधिकार में ले लेगा।
दूसरा भाग जो चीन से पृथक होगा, वह सिंजियांग प्रांत है। यह पूर्वी तुर्की कहलाता था। कभी भी चीन का भाग नहीं था।
तीसरा भाग जो चीन से पृथक होगा वह मंचूरिया होगा, जिसे चीन ने तीन प्रान्तों में बाँट रखा है।
चौथा भाग इन्नर मंगोलिया, जो चीन की दीवार के उत्तर में है।
पास में ही एक छोटा सा प्रांत और है, जिसका नाम निंगसिया है, उसके बारे में कुछ भी कहा नहीं जा सकता।
पाँचवाँ भाग गुयाङ्गदोंग प्रांत व हैनान द्वीप होंगे। होङ्ग्कोंग व मकाऊ इसी का भाग हो जायेंगे।
छठा भाग ताइवान है जो इस समय भी चीन से पृथक है।
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भारत की सीमा चीन से कहीं पर भी नहीं लगेगी। चीन द्वारा कब्जाए गए सारे भारतीय क्षेत्रों को भारत छुड़ा लेगा। यह मेरा निजी आंकलन है, जिस पर कोई विवाद नहीं है। यह सत्य भी हो सकता है और असत्य भी। लेकिन सत्य होने की संभावना अधिक प्रबल है। तिब्बत एक स्वतंत्र देश होगा। नेपाल, भूटान और म्यांमार (बर्मा) अपनी स्वतंत्र इच्छा से भारत में मिल जायेंगे, यानि भारत का भाग हो जायेंगे। एक बात की संभावना और है कि भारत बांग्लादेश के चिट्टगोंग क्षेत्र को छीनकर त्रिपुरा में मिला सकता है।
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१३ अप्रेल २०२५

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