क्या वर्तमान में कोई नालंदा विश्वविद्यालय नाम की संस्था चल रही है ? ....
.जब विश्व के महानतम अनर्थ शास्त्री डॉ.मनमोहन सिंह भारत के प्रधानमंत्री थे, उस समय उन्होंने अमर्त्य सेन को नालंदा विश्वविद्यालय फिर से चालु करने का ठेका दिया। उन्हें उपकुलपति का पद, पाँच लाख रूपये का मासिक टेक्स फ्री वेतन, बिना अनुमति सरकारी खर्चे पर विदेश यात्राएं करने, ५ स्टार होटलों में मीटिंग करने, वहीं रुकने, प्रोफेसरों की सीधी भर्ती करने आदि की खुली छूट दीं। महा बेईमान मनमोहन सिंह की ३ बेटियों के साथ मिलीभगत करके अमर्त्य सेन ने भारत सरकार के खजाने से २७२९ करोड़ रुपए डकार लिये। |
मनमोहन सिंह की बेटियों -- उपिंदर सिंह, दमन सिंह और अमृतसिंह को प्रोफेसर बना दिया गया और साथ ही उपिंदर सिंह की 3 सहेलियों गोपा सभरवाल, अंजना शर्मा , नयनजोत लाहिरी को भी प्रोफेसर बना दिया। ये सातों अमेरिका में बैठकर ही नालंदा विश्वविद्यालय को चलाते रहे, और भारत की गरीब जनता के टैक्स के २७१९ करोड़ रुपए वेतन और विदेश घूमने (अमरीका में रहने) के नाम पर खर्चे पानी के डकार गये।
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२०१४ में मोदी सरकार ने आकर यह लूट बंद कर दी और अमर्त्य सेन को नालन्दा विश्वविद्यालय से निकाल दिया। इससे नाराज होकर वह दुष्ट अनर्थ शास्त्री अमर्त्य सेन अब मोदी सरकार को कोसता रहता है।
27 अप्रेल 2019
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