समस्त नवविवाहिता व कुआंरी कन्याओं को गणगौर पर्व की शुभ कामनाएँ|
यह पर्व बहुत धूमधाम से प्रायः सारे राजस्थान और हरियाणा व मालवा के कुछ भागों में आज चैत्र शुक्ल तृतीया को मनाया जा रहा है| इस दिन नवविवाहिताएँ अपने वैवाहिक जीवन की सफलता, और कुंआरी कन्याएँ अच्छे पति की प्राप्ति के लिए गौरी (पार्वती) जी की आराधना करती हैं|
होली के दूसरे दिन से ही यह आराधना आरम्भ हो जाती है और चैत्र शुक्ल तृतीया तक चलती है|
आज सायं गणगौर की सवारी राजस्थान के प्रायः प्रत्येक नगर में बहुत धूमधाम से निकलेगी|
पुनश्चः समस्त मातृशक्ति को शुभ कामनाएँ|
२ अप्रैल २०१४
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