Wednesday, 18 October 2017

रूप चतुर्दशी ....

>>>>> आज का दिन ज्ञान के प्रकाश से जगमगाने का दिन है .....
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आज रूप चतुर्दशी है जिसे नर्क चतुर्दशी व छोटी दीपावली भी कहते हैं| आज के दिन भगवान श्रीकृष्ण ने अत्याचारी और दुराचारी नरकासुर का वध किया था और सोलह हजार एक सौ कन्याओं को नरकासुर के बंदी गृह से मुक्त कर उन्हें सम्मान प्रदान किया था| इस युद्ध में उनके साथ उनकी पत्नी सत्यभामा भी थी| कुछ समय के लिए जब भगवान श्रीकृष्ण मूर्छित हो गए, उस समय सत्यभामा ने अपने दिव्यास्त्रों के साथ नरकासुर से युद्ध किया|
इस दिन के बारे में एक कथा पुण्यात्मा और धर्मात्मा राजा रंतिदेव के बारे भी है|
बंगाल में यह दिन काली चौदस के नाम से जाना जाता है|
एक कथा के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु ने वामन अवतार धारण करके देवताओं को राजा बलि के आतंक से मुक्ति दिलाई थी| भगवान ने राजा बलि से वामन अवतार के रूप में तीन पैर जितनी जमीन दान के रूप में मांगकर उसका अंत किया था| राजा बलि के बहुत ज्ञानी होने के कारण भगवान विष्णु ने उसे साल में एक दिन याद किये जाने का वरदान दिया था| अतः नरक चतुर्दशी ज्ञान के प्रकाश से जगमगाने का दिन माना जाता है|
इस दिन हनुमान जी की भी विशेष पूजा उनके भक्त करते हैं|
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आज रूप निखारने का दिन है| आज रूप चतुर्दशी के दिन सूर्योदय से पूर्व शरीर पर तेल व उबटन लगा कर एक बाल्टी में जल भरकर उसमें अपामार्ग के पौधे का टुकड़ा डाल कर उस जल से स्नान करने का महत्त्व है| अपामार्ग का पौधा न मिले तो एक बहुत ही कड़वा फल रखते हैं| सूर्योदय से पूर्व स्नान करते समय स्नानागार में एक दीपक भी जलाने की प्रथा रही है|
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आज के दिन तेल उबटन लगाकर सूर्योदय से पूर्व स्नान करने से देह रूपवान हो जायेगी| रूप चौदस का दिन बहुत ही शुभ दिन है अतः प्रसन्न रहकर भक्तिभाव से अपने इष्ट की उपासना करें|
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ॐ तत्सत् | ॐ ॐ ॐ ||

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