व्यक्ति सदा प्रसन्न रहे, और चिंतामुक्त जीवन जीये तो दीर्घायु और स्वस्थ होता है। सदा स्वस्थ रहो। स्वस्थ रहोगे तो आयु अपने आप लम्बी होगी। मेरी प्रसन्नता तो परमात्मा के स्मरण में है। परमात्मा ही एकमात्र सत्य है। यह मेरा निजी अनुभव है, कोई सुनी-सुनाई बात नहीं। कितना भी भटक लो, अंततः इसी निष्कर्ष पर पहुँचोगे। जब से उन के समक्ष सिर झुका है, तब से झुका हुआ ही है; उठा ही नहीं है। . व्यक्ति सदा प्रसन्न रहे और चिंतामुक्त जीवन जीए तो दीर्घायु होता है| यह बात सिद्ध की है भारत की प्रथम कार्डिओलोजिस्ट पदमविभूषण डॉ. एस. पदमावती (जन्म: २० जून १९१७) ने जिनका २९ अगस्त २०२० को १०३ वर्ष की आयु में निधन हो गया| वे भारत में 'मदर ऑफ कार्डिओलोजी' के नाम से विख्यात थीं| ९५ वर्ष की आयु तक वे नित्य नियमित तैरती थीं और १०३ वर्ष की आयु तक मरीज देखती थीं, लेख लिखती थीं, नियमित व्यायाम करती थीं, और मेडिकल सेमिनारों में भाग लेती थीं| नित्य १२ घंटे तक वे अपना काम करती थीं| जो नाम और जो सम्मान उनको मिला उतना डॉ. बीसी रॉय के पश्चात किसी भी भारतीय चिकित्सक को नहीं मिला है| उनका लेक्चर सुनकर देश के नामी-गिरामी डॉक्टर खुद को धन्य समझते थे| वे सभी से कहती थीं कि सदा स्वस्थ रहो| स्वस्थ रहोगे तो आयु अपने आप लम्बी होगी|
Friday, 5 September 2025
व्यक्ति सदा प्रसन्न रहे, और चिंतामुक्त जीवन जीये तो दीर्घायु और स्वस्थ होता है
"नाहं वसामि वैकुंठे योगिनां हृदये न च। मद्भक्ता यत्र गायन्ति तत्र तिष्ठामि नारद॥"
"नाहं वसामि वैकुंठे योगिनां हृदये न च। मद्भक्ता यत्र गायन्ति तत्र तिष्ठामि नारद॥"
Wednesday, 3 September 2025
कर्मफलों की प्राप्ति, पुनर्जन्म और मरणोपरांत गति -- इनमें भगवान का कोई हस्तक्षेप नहीं होता
कर्मफलों की प्राप्ति, पुनर्जन्म और मरणोपरांत गति -- इनमें भगवान का कोई हस्तक्षेप नहीं होता। ये सब जीवात्माओं को अपने-अपने कर्मों के अनुसार प्रकृति ही प्रदान करती है। जो लोग दूसरों के साथ छल करते हैं, उन्हें प्रकृति कभी क्षमा नहीं करती। किसी को विश्वास में लेकर उसके साथ छल करना अक्षम्य पाप है।
परमात्मा का साक्षात्कार हमें स्वयं करना होगा।
जिस तरह दूसरों के द्वारा किए गए भोजन से हमारा पेट नहीं भरता, वैसे ही दूसरों की तपस्या और साक्षात्कार से हमें मोक्ष नहीं मिल सकता। परमात्मा का साक्षात्कार हमें स्वयं करना होगा।
सनातन-धर्म शाश्वत और सनातन है, सदा अमर ही रहेगा ---
सनातन-धर्म शाश्वत और सनातन है, सदा अमर ही रहेगा ---
श्री गुरु चरण कमलेभ्यो नमः ---
श्री गुरु चरण कमलेभ्यो नमः --- वास्तव में सत्यनिष्ठा से देखा जाये तो इस संसार में सबसे अधिक सुंदर और सबसे अधिक प्रिय कुछ है तो वे गुरु-महाराज के चरण-कमल हैं। एक बार उनके दर्शन हो जायें तो अन्य कुछ देखने का मन नहीं करता। यह एक अति गूढ और गोपनीय आध्यात्मिक विषय है जिस पर कुछ भी लिखने के लिए बहुत अधिक समय चाहिए। भगवान से प्रेरणा मिलेगी तो फुर्सत से इस विषय पर लिखूंगा। .
मेरी आयु अनंत (Infinite) है, लेकिन अब और धैर्य नहीं है, हरिःकृपा तुरंत इसी समय फलीभूत हो ---
मेरी आयु अनंत (Infinite) है, लेकिन अब और धैर्य नहीं है, हरिःकृपा तुरंत इसी समय फलीभूत हो ---
विश्व के हिन्दुओ जागृत हों, अपने अस्तित्व और धर्म की रक्षा का समय आ गया है ---
Tuesday, 2 September 2025
आज गणेश-गीता के कुछ अंशों का स्वाध्याय करने का अवसर मिला
आज गणेश-गीता के कुछ अंशों का स्वाध्याय करने का अवसर मिला| स्वयं गणेश जी ने राजा वरेण्य को जो उपदेश दिए वे गणेश-गीता कहलाते हैं| राजा वरेण्य मुमुक्षु स्थिति में थे, और अपने धर्म और कर्तव्य को बहुत अच्छी तरह जानते थे| इस ग्रंथ के ११ अध्यायों में ४१४ श्लोक हैं| श्रीमद्भगवद्गीता और गणेशगीता में लगभग सारे विषय समान हैं| जो गणेश जी के भक्त हैं उन्हें इस ग्रंथ का स्वाध्याय अवश्य करना चाहिए|
Monday, 1 September 2025
जीवन का चरम लक्ष्य भगवत्-प्राप्ति ही है, अन्य कुछ भी नहीं ---
जीवन का चरम लक्ष्य भगवत्-प्राप्ति ही है, अन्य कुछ भी नहीं ---