Saturday, 20 September 2025

आज का दिन बड़ा शुभ है, जीवन का हर पल शुभ है, शुभ ही शुभ है, और शुभ ही शुभ रहेगा ---

कल रात्री को परमात्मा की गहनतम चेतना में सोया, पूरी रात परमात्मा की गहनात्म चेतना में ही विश्राम किया। आज प्रातः जगन्माता की गोद से वैसे ही उठा जैसे एक शिशु अपनी माँ की गोद से सोकर उठता है। मन, बुद्धि, चित्त और अहंकार -- सब में परमात्मा ही परमात्मा भरे पड़े है, और कुछ भी नहीं है। इस जीवन के अंत काल तक परमात्मा ही रहेंगे और पुनर्जन्म के समय भी केवल परमात्मा ही रहेंगे।

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जिनको सिर्फ ईश्वर से प्रेम हैं, केवल उन्हीं का स्वागत है। भगवान ने मुझे ठीक ही बोध कराया था कि कोई दो लाख लोगों में से एक के ही हृदय में भगवान की भक्ति होती है।
ॐ नमः शिवाय॥
ॐ तत्सत् !! ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ॥
कृपा शंकर
२० सितंबर २०२४

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