Thursday, 19 June 2025

भगवान की परम कृपा है कि क्रिकेट का खेल मैंने कभी भी नहीं खेला और न ही इसके बारे में कोई जानकारी है ---

भगवान की परम कृपा है कि क्रिकेट का खेल मैंने कभी भी नहीं खेला और न ही इसके बारे में कोई जानकारी है| मेरी इस खेल में कोई रूचि भी नहीं है और न मैं इसे देखना पसंद करता हूँ|

विद्यार्थी जीवन में भी खेल के मैदान की अपेक्षा मेरा अधिकाँश समय पुस्तकालयों में ही बीता| एक तरह का किताबी कीड़ा ही समझ लीजिये| एक अल्प समय के लिए मार्क्सवाद के अँधेरे कुएँ में गिर कर भी जीवित बाहर निकल आया| फिर आध्यात्म की दुनिया में आया तो वहीं का हो गया|
क्रिकेट अब कोई खेल नहीं, व्यवसाय बन गया है जिसमें सब पैसों के लिए खेलते हैं| इसके खिलाड़ियों के बाद ही भगवान का नंबर आता है, मतलब ये भगवान से भी बड़े हैं (God is next to them)| इस धंधे में दर्शक तो मात्र मोहरे ही हैं| परदे के पीछे सटोरियों और माफियाओं का ही बोलबाला है|
कोई मेरी इन पंक्तियों का बुरा नहीं माने| जो ह्रदय में था वह बाहर आ गया|
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ॐ ॐ ॐ || कृपा शंकर
१९ जून २०१७

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