Tuesday, 3 June 2025

कैसे निर्णय करें कि कौन साधु, संत या महात्मा है? .....

 कैसे निर्णय करें कि कौन साधु, संत या महात्मा है? .....

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किसी भी आचार्य, साधू या संत का स्वयं का आचरण कैसा है, और उनके अनुयायी आध्यात्मिक रूप से कितने उन्नत हैं? यही मापदंड है उनकी महत्ता का| किसी के पास जाते ही भगवान के प्रति अपने आप ही भक्ति जागृत हो जाये, सुषुम्ना नाड़ी चैतन्य हो जाये और शांति मिले, तो वह व्यक्ति निश्चित रूप से एक महात्मा है|
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यदि किसी की कथनी और करनी में अंतर है यानि जो कहता कुछ है और करता कुछ और है, जिसमें लोभ और अहंकार भरा हुआ है, वह साधु नहीं हो सकता| साधू-संत .... पवित्रात्मा, परोपकारी, सदाचारी, त्यागी, बुद्धिमान, समभावी, भयमुक्त, विद्वान और ईश्वरभक्त होते हैं| साधू-संतों की तपस्या से ही समाज में कुछ भलाई है| साधु-संत जहाँ भी रहते हैं, वह भूमि पवित्र हो जाती है| उनका सम्मान और सेवा करना हमारा धर्म है|
कृपा शंकर
३ जून २०२०

1 comment:

  1. आजकल मैं बहुत अधिक भाव-विह्वल हो जाता हूँ फिर स्थिति सामान्य नहीं रहती|आज सायंकाल ऐसी ही कुछ स्थिति हुई| किसी को कह भी नहीं सकते| हर कोई समझेगा भी नहीं| फिर दो-तीन महात्माओं को फोन किए और उन से फोन पर ही लंबे-लंबे सत्संग किये| तब जाकर स्थिति कुछ सामान्य हुई| पूरी बात लिखने में असमर्थ हूँ|
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