सारे बेरोजगार सुबह आठ बजे लाइन में खड़े कर दिए जाते थे| हाथ में झाडू थमा कर सडकों की सफाई पर या कहीं अन्यत्र मजदूरी पर भेज दिया जाता था| किसी भी बेरोजगार को मिले हुए अपने काम को मना करने का अधिकार नहीं था| दो बार भोजन मिल जाता और सिगरेट पीने के लिए कुछ पैसा| कोई वेतन नहीं| जिसकी पदोन्नती हो जाती उसको कुछ अधिक पैसा शराब पीने को मिल जाता| जितनी पदोन्नती उतना ही अच्छा भोजन और एक जोड़ी अतिरिक्त ड्रेस| वेतन नहीं मिलता था| रहने और खाने की व्यवस्था हो जाती थी|
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पुनश्चः :---- सन १९८५ तक चीन भारत से नहुत अधिक पिछड़ा हुआ था| सन १९६२ के युद्ध में भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने जान-बूझ कर अपने ही देश भारत को हरवा दिया था। जब महा कामुक लंपट लालची व्यक्ति किसी देश का शासक होता है तब उस देश का यही हाल होता है। चीनी लोग तो बहुत अधिक डरपोक होते हैं|
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