Saturday, 29 May 2021

चीन ने क्या कभी अन्य किसी देश से कोई युद्ध जीता है?

 चीन ने क्या कभी अन्य किसी देश से कोई युद्ध जीता है?

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हमें चीन से डरने की कोई आवश्यकता नहीं है| आमने सामने की लड़ाई में चीनी सेना भारत की सेना के सामने नहीं टिक सकती| वर्तमान चीन के पास आणविक अस्त्र हैं, यही उसकी शक्ति है| बाकी तो सब उस की दादागिरी है| वह दूसरे देशों पर अपनी संख्या के बल पर धौंस जमाता है| निष्पक्ष दृष्टि से आप चीन का पूरा इतिहास देख लें, चीन ने कभी भी किसी भी देश के विरुद्ध आज तक कोई भी युद्ध नहीं जीता है| चीनी कोई लड़ाकू जाति नहीं है| उनमें क्रूरता ही क्रूरता और धूर्तता भरी हुई है पर उन में साहस नहीं है|
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चीन में जो शक्तिशाली महान शासक हुए वे सब मंगोल थे चीनी नहीँ| अपनी अत्यधिक गतिशील और अनुशासित अश्वारोही सेना के बल पर मंगोलों ने चीन पर लंबे समय तक राज्य किया| चीन का सबसे अधिक शक्तिशाली और महान शासक कुबलई (कैवल्य) खान (कान्ह) था जो चंगेज़ (गंगेश) खान (कान्ह) का पोता था| वह बौद्ध मतानुयायी था जिसका पृथ्वी के २०% भाग पर अधिकार था| चीन की दीवार चीनियों ने मंगोल आक्रमणकारियों से रक्षा के लिए बनवाई थी| पर उस से कोई फर्क नहीं पड़ा| चीन पर अधिकांश समय तक राज्य तो मंगोलों ने ही किया| प्राचीन संस्कृत साहित्य में जिस शिवभक्त किरात जाति का उल्लेख है वह मंगोल जाति ही है|
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चीन पर अंग्रेजों ने बड़ी आसानी से अपनी धूर्तता से अधिकार कर अपना राज्य स्थापित किया| बाद में जापान ने चीन पर क्रूरता से अधिकार किया|
१९६२ में हम चीन से सैनिक दृष्टि से नहीं हारे थे, भारत के राजनीतिक नेतृत्व की अपरिपक्वता और भूलों से हारे थे| भारत ने अपनी हार के कारणों की जांच Lieutenant general Henderson Brooks और Brigadier P S Bhagat (later lieutenant general) से करवाई थी| वह रिपोर्ट इतनी अधिक गोपनीय है कि उसकी सिर्फ एक ही प्रति छपी जिसको पढ़ने का अधिकार सिर्फ प्रधानमंत्री को है| कुछ वर्ष पूर्व एक ऑस्ट्रेलियन पत्रकार Neville Maxwell ने उसके अनेक अंश पता नहीं कैसे लीक कर दिए थे जिन पर ब्रिटेन में एक पुस्तक भी छपी| उस रिपोर्ट में सारा दोष भारत के तत्कालीन राजनीतिक नेतृत्व (प्रधान मंत्री) पर डाला गया था|
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१९६७ में चीन ने एक बार फिर दुःसाहस किया, तब भारतीय सेना ने चीन की सेना को हराकर भगा दिया था| चीनी सैनिक एक तो इस लिए डरते हैं कि वे अपने परिवार के इकलौते पुरुष सदस्य हैं, जिनके मरने पर उनका वंशनाश हो जाएगा| दूसरा उनका भोजन इतना अधिक आसुरी/राक्षसी है कि उनकी कामुकता अत्यधिक प्रबल है जिसके कारण उन में यौन-विकृतियाँ बहुत अधिक हैं| अतः उनमें कोई नैतिक बल और साहस नहीं है| उनकी शक्ति उनके अणुबम ही हैं|
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चीन ने १७ फरवरी १९७९ को वियतनाम पर आक्रमण किया था जो १६ मार्च १९७९ तक चला| चीन की इस यूद्ध मे बुरी तरह से हार हुई और उसके २०,००० सैनिक मारे गए| जब वियतनाम जैसा देश चीन को हरा सकता है तो भारत के सामने चीन की सेना कैसे टिक सकती है?
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चीन की सीमा से १४ देश जुड़े हैं पर २३ देशों से उसके सीमा विवाद चल रहे हैं| उसकी सीमा .... तजाकिस्तान, किर्गिज़स्तान, अफगानिस्तान, पाकिस्तान, भारत, नेपाल, भूटान, म्यांमार, लाओस, वियतनाम, उत्तरी कोरिया, मंगोलिया, रूस, व कजाकिस्तान से लगती है| चीन की सीमायें भले ही सिर्फ १४ देशों के साथ मिलती हैं, लेकिन इसका सीमा विवाद २३ देशों के साथ है| चीन का इन्डोनेशिया, मलेशिया, ब्रुनेई आदि देशों के साथ भी विवाद चल रहा है| चीन मध्ययुग के देश की तरह वर्ताव कर रहा है|
कोरोना वायरस को फैलाना चीन का पूरे विश्व पर एक जैविक आक्रमण है| विश्व के अधिकांश देश मिलकर चीन से बदला तो अवश्य लेंगे|
कृपा शंकर
२९ मई २०२०

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