Tuesday, 19 September 2017

परमात्मा ही एकमात्र सत्य है .....

परमात्मा ही एकमात्र सत्य है .....

कुछ छोटे-मोटे कंकर भी नदी का प्रवाह परिवर्तित कर देते हैं| कुछ घटनाएँ ऐसी होती हैं जो मनुष्य की चिंतनधारा और विश्व के घटनाक्रम को बदल देती हैं| कभी भी कुछ भी हो सकता है जो हमारी कल्पना के बाहर होता है| भूतकाल में घटित हुई कई घटनाओं के बारे हम सोचते हैं तो हम उन्हें अविश्वसनीय पाते हैं|
मैनें भी जीवन में बहुत कुछ देखा है जो उस समय सत्य था पर अब विश्वास नहीं होता कि ऐसा भी कभी हुआ था| कुछ काल पश्चात यह संसार एक स्वप्न सा लगने लगता है| भूतकाल एक स्वप्न है| हमारा वर्त्तमान भी कल को एक स्वप्न हो जाएगा| क्या यह संसार भी परमात्मा के मन का एक स्वप्न मात्र है? सत्य क्या है इसकी तो हमें खोज करनी होगी| मेरे निज अनुभव से मेरे लिए तो परमात्मा ही एकमात्र सत्य है|
ॐ तत्सत् | ॐ ॐ ॐ ||


कृपा शंकर
आश्विन कृष्ण १२, वि.सं. २०७४
१७ सितम्बर २०१७

No comments:

Post a Comment