Thursday, 27 July 2017

विश्व का सबसे बड़ा गोसेवा केंद्र -------

July 27, 2014.
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विश्व का सबसे बड़ा गोसेवा केंद्र -------
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कल हरियाली अमावास्या थी| पारंपरिक तौर से प्रकृति प्रेमी हिन्दू लोग हरियाली अमावस्या को वन-विहार के लिए जाते हैं| पर मैंने कुछ गोसेवकों व गोरक्षकों के साथ विश्व के सबसे बड़े गौ सेवा केंद्र श्रीकृष्ण गोपाल गोसेवा समिति (गो चिकित्सालय) नागौर (राजस्थान) जाने और गो चिकित्सालय के संचालक श्री श्री १००८ महामंडलेश्वर स्वामी कुशालगिरी जी महाराज का सत्संग लाभ लेने का निर्णय लिया|
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यह गो चिकित्सालय नागौर-जोधपुर राजमार्ग ६५ पर नागौर से मात्र ४ किलोमीटर दूर है|
वहाँ की शानदार व्यवस्था देखकर मैं हतप्रभ रह गया| विश्व में ऐसा अद्भुत गो सेवा केंद्र अन्यत्र कहीं भी नहीं है| अनाथ, अशक्त, रुग्ण, वृद्ध और असहाय हजारों गायों की सेवा और उपचार का एकमात्र केंद्र है यह|
व्यवसायिक रूप से उपयोगी गायों की सेवा तो सब करते हैं पर व्यवसायिक रूप से अनुपयोगी गायों को हिन्दू लोग ही या तो कसाइयों को बेच देते हैं या मरने के लिए आवारा छोड़ देते हैं| पर इस गोलोक महातीर्थ में एक भी दुधारू गाय नहीं है| हजारों रुग्ण वृद्ध और असहाय गायें हैं जिनकी निरंतर बड़ी आत्मीयता से सेवा होती है|
यहाँ १६ तो पशु अम्बुलेंस हैं जो २०० किलोमीटर तक के क्षेत्र में घायल या रुग्ण गायों को लेकर आती हैं| अनेक गो भक्त पशु चिकित्सक व सैंकड़ों गो सेवक यहाँ दिन रात काम करते हैं| आधुनिकतम अंतर्राष्ट्रीय स्तर की गो सेवा सुविधाएँ यहाँ उपलब्ध हैं|
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प्रत्येक हिन्दू गो सेवक को इस गोलोक महातीर्थ की यात्रा एक बार अवश्य करनी चाहिए| इतना ही नहीं पूरा सहयोग भी करना चाहिए और यहाँ से प्रेरणा लेकर इस तरह के गो चिकित्सालय अन्यत्र भी खोलने चाहियें|
e-mail : godhamsevatirth@gmail.com
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सायंकाल बापस जयपुर होते हुए आये और जयपुर के पास बगरू गाँव की रामदेव गौशाला का भ्रमण किया| मेरे विचार से यह राजस्थान की दूसरी सबसे बड़ी गोशाला है जो परम पूज्य संत शिरोमणी श्री नारायण दास जी महाराज त्रिवेणी धाम के आशीर्वाद, प्रेरणा और जनसहयोग से चलती है| यहाँ निराश्रित गोवंश की भी रक्षा होती है|
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यहाँ अमावस्या भगवन्नाम संकीर्तन में भाग लिया और प्रसाद ग्रहण किया| देर रात्रि को बापस घर लौटे|
जो श्रद्धालु जयपुर आते हैं, उन्हें यदि समय मिले तो इस गोशाला का भ्रमण अवश्य करना चाहिए|
उपरोक्त दोनों स्थानों पर जाने से उतना ही संतोष मिला जितना मथुरा वृन्दावन की तीर्थयात्रा से मिलता है| .
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राजस्थान में विश्व की सबसे बड़ी --- पथमेड़ा की गोशाला का भ्रमण तो अब तक नहीं कर पाया हूँ पर वहाँ के संत स्वामी दत्तशरणानन्द जी महाराज का सतसंग लाभ ले चूका हूँ|

जय गोमाता ! जय गोपाल ! सनातन हिन्दू धर्म की जय हो | भारत माता की जय हो |

२७ जुलाई २०१४

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