मैं वैदिक सनातन हिन्दू धर्म का एक अनुयायी हूँ| संस्कारों से मैं भक्ति, योग और वेदांत दर्शन से प्रभावित हूँ पर हिन्दू धर्म को उसकी समग्रता में स्वीकार करता हूँ| मैं धर्म-सापेक्ष हूँ और शिव-शक्ति की साधना मेरे जीवन का अभिन्न भाग है| भगवान श्रीराम मेरे परम आदर्श हैं| मेरे पूर्वज शिव भक्त थे| मेरे ऊपर अनेक संतों का प्रभाव है जिनमें श्री श्री रमण महर्षि, श्री श्री रामकृष्ण परमहंस, स्वामी विवेकानंद, स्वामी रामतीर्थ, श्री अरविन्द और परमहंस योगानंद प्रमुख हैं| श्री श्री श्यामाचरण लाहिड़ी महाशय की क्रियायोग परंपरा में मैं दीक्षित हूँ|
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भारत भूमि मेरे लिए एक भूमि का टुकड़ा नहीं, बल्कि साक्षात माता है| मेरे लिए भारत ही सनातन धर्म है और सनातन धर्म ही भारत है| मेरे लिए भारत एक ऊर्ध्वमुखी लोगों का समूह भी है| सनातन धर्म का विस्तार ही भारत का विस्तार है, और सनातन धर्म का पतन ही भारत का पतन है, भारत की अस्मिता और भविष्य सनातन हिन्दू धर्म ही है व भारत का भविष्य ही इस सृष्टि का भविष्य है, ऐसी मेरी आस्था और मान्यता है| सनातन धर्म का आधार है --- परमात्मा को पूर्ण अहैतुकी परमप्रेम और समर्पण द्वारा स्वयं में व्यक्त करना| मैं उन सब व्यक्तियों और समूहों का वंदन करता हूँ जिनके ह्रदय में भारतवर्ष और उसकी अस्मिता के प्रति प्रेम है| जय जननी जय भारत !
25 मई 2014
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