आज चैत्र शुक्ल पूर्णिमा को हनुमान जी का जन्मोत्सव है| एक दीपक जलाकर घर के सभी सदस्य मिलकर एक साथ बैठकर भक्तिभाव से हनुमान चालीसा व सुंदर कांड का पाठ करें| फिर भगवान का ध्यान करें| सभी श्रद्धालुओं को अभिनंदन बधाई और नमन!!
हनुमान जी का जन्म कहाँ हुआ था इस पर कुछ विवाद है| दक्षिण भारत में मान्यता है कि हनुमान जी का जन्म कर्णाटक के हम्पी में या गोकर्ण में हुआ था| उत्तरी भारत में मान्यता है कि हनुमान जी का जन्म झारखंड के गुमला में हुआ था| हरियाणा के कुछ भक्त कैथल में जन्म बताते हैं| इस विषय पर वैष्णव रामानंदी संप्रदाय के आचार्य जो भी बतायेंगे वह हमें मान्य है|
मेरे लिए तो हनुमान जी मेरे चैतन्य में हैं| प्राण-तत्व की जो गति है वह हनुमान जी की ही महिमा है| इस से अधिक कुछ भी व्यक्त करने में असमर्थ हूँ|
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भगवत्पाद आचार्य शंकर (आदि शंकराचार्य) कृत हनुमत् स्तोत्र :---
श्रीहनुमत् पञ्चरत्नम्
वीताखिल-विषयेच्छं जातानन्दाश्र पुलकमत्यच्छम् ।
सीतापति दूताद्यं वातात्मजमद्य भावये हृद्यम् ॥ १॥
तरुणारुण मुख-कमलं करुणा-रसपूर-पूरितापाङ्गम् ।
सञ्जीवनमाशासे मञ्जुल-महिमानमञ्जना-भाग्यम् ॥ २॥
शम्बरवैरि-शरातिगमम्बुजदल-विपुल-लोचनोदारम् ।
कम्बुगलमनिलदिष्टम् बिम्ब-ज्वलितोष्ठमेकमवलम्बे ॥ ३॥
दूरीकृत-सीतार्तिः प्रकटीकृत-रामवैभव-स्फूर्तिः ।
दारित-दशमुख-कीर्तिः पुरतो मम भातु हनुमतो मूर्तिः ॥ ४॥
वानर-निकराध्यक्षं दानवकुल-कुमुद-रविकर-सदृशम् ।
दीन-जनावन-दीक्षं पवन तपः पाकपुञ्जमद्राक्षम् ॥ ५॥
एतत्-पवन-सुतस्य स्तोत्रं यः पठति पञ्चरत्नाख्यम् ।
चिरमिह-निखिलान् भोगान् भुङ्क्त्वा श्रीराम-भक्ति-भाग्-भवति ॥ ६॥
इति श्रीमच्छंकर-भगवतः कृतौ हनुमत्-पञ्चरत्नं संपूर्णम् ॥
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८ अप्रेल २०२०
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