इष्टदेव ही दुःखों को दूर कर सकते हैं ---
साक्षी भाव में निमित्त मात्र होकर ही जीवन जीयें। संसार में कष्ट तो आते ही रहेंगे, उन्हें कोई नहीं रोक सकता। हाँ, उनकी पीड़ा अवश्य कम हो सकती है, इष्टदेव की कृपा से। कोई ऐसा सार्वभौमिक नियम नहीं है जिससे संसार के सारे दुःख या कष्ट मिट सकें। हम सिर्फ प्रार्थना कर सकते हैं, और कुछ नहीं। कष्ट हों तो अपने इष्टदेव से उनके निवारण हेतु प्रार्थना करें। वे ही दुःखों को दूर कर सकते हैं। इसके लिए कोई मंत्र, तंत्र या टोटका नहीं है। ठगों से बचकर रहें।
८ अप्रेल २०२३
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