Tuesday, 25 March 2025

आध्यात्मिक साधना के मार्ग में मेरी समझ से सबसे बड़ी कमजोरी --- हमारे में साहस का अभाव है, अन्य कोई समस्या नहीं है

आध्यात्मिक साधना के मार्ग में मेरी समझ से सबसे बड़ी कमजोरी --- हमारे में साहस का अभाव है, अन्य कोई समस्या नहीं है। साहस के अभाव में हम कोई निर्णय नहीं ले पाते। निर्भीक बनने के लिए हमें भगवान श्रीराम या श्रीकृष्ण का ध्यान करना चाहिए। स्वयं निमित्त मात्र होकर उन्हें जीवन का कर्ता बनायें। ॐ ॐ ॐ !!

मेरे हृदय में परमात्मा को पाने की अभीप्सा थी, मैंने पाया कि वे तो मेरे साथ एक हैं। मेरे से पृथक कुछ भी नहीं है। उनके प्रेम को पाने की तड़प थी, मैंने पाया कि वह तो मेरे हृदय के द्वार को खटखटा कर भीतर आने की अनुमति मांग रहा है। मैं हतप्रभ और किंकर्तव्यविमूढ़ हूँ। कुछ भी समझ में नहीं आ रहा है कि क्या करूँ? जो होगा सो देखा जायेगा। कुछ भी समझ में नहीं आ रहा है।
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अंधकार में रहते रहते अंधेरे में रहने की बहुत बुरी आदत पड़ गई है। मुझे पता है कि मेरी सब समस्याओं का निदान परमात्मा के प्रकाश यानि भगवत्-प्राप्ति में है। लेकिन मैं साहस नहीं जुटा पा रहा हूँ। अन्य कोई समस्या नहीं है। साहस का अभाव ही मेरी एकमात्र समस्या है। सिर्फ मेरी ही नहीं, सभी की यही एकमात्र समस्या है।
ॐ तत्सत् !! ॐ ॐ ॐ !!
कृपा शंकर
२६ मार्च २०२४

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