मनुष्य जाति का भविष्य :---
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मैं जो लिख रहा हूँ, यह कोई भविष्यवाणी नहीं, निश्चित रूप से होने वाली एक घटना है, जिस का पूर्वाभास मुझे हुआ है| इस बार होने वाले तृतीय विश्व-युद्ध में विश्व के अधिकांश मनुष्यों की जनसंख्या नष्ट हो जाएगी| हो सकता है बहुत कम मनुष्य ही बचें| पृथ्वी पर से अधर्म का तो नाश होगा ही, दुष्ट प्रकृति के मनुष्यों का भार भी कम हो जाएगा| अधिकांश मनुष्य इस पृथ्वी पर भार ही हैं| पृथ्वी पर यदि मनुष्य बचे भी तो वे ही बचेंगे जिन पर परमात्मा की विशेष कृपा होगी| वे उस सत्य-सनातन धर्म की पुनर्स्थापना करेंगे जो सृष्टि के आदि काल से है|
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यह भी आवश्यक नहीं है कि मनुष्य जाति ही बचे, पूरी मनुष्य जाति भी नष्ट हो सकती है| जिस तरह पृथ्वी पर कभी डायनासोर थे, और अब उनके अवशेष ही कभी-कभी कहीं-कहीं यहाँ-वहाँ मिल जाते हैं, वैसे ही मनुष्यों के भी अवशेष ही मिलेंगे| मनुष्य जाति अपने उद्देश्य में विफल रही है| मनुष्यों के स्थान पर किसी अन्य लोक से अवतरित दूसरे प्राणी ही इस पृथ्वी पर राज्य करेंगे, जो मनुष्यों से अधिक विकसित, उन्नत व अधिक शक्तिशाली होंगे| भविष्य के इतिहास में यही लिखा होगा कि इस पृथ्वी पर कभी मनुष्य नाम के प्राणी रहते थे, जो आपस में लड़कर समाप्त हो गए|
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यह कोई डराने वाली बात नहीं है, निश्चित रूप से घटित होने वाला एक सत्य है| तृतीय विश्व युद्ध की भूमिका बन चुकी है, और यह टलने वाला नहीं है| जिस तरह के दुष्ट प्रकृति के मनुष्य इस पृथ्वी पर हैं, उनके साथ रहने की अब कोई इच्छा नहीं है| यह संसार नष्ट होकर नए सिरे से बसेगा जिस पर विज्ञानमय लोक से अवतरित एक नई जाति के प्राणी ही राज्य करेंगे| मनुष्य जाति महत्वहीन हो जाएगी, डायनासोर की तरह उनके अवशेष ही मिलेंगे| आने वाला तृतीय विश्व युद्ध महाप्रलय होगा| अनंत काल में कुछ लाख वर्ष तक मनुष्य इस पृथ्वी पर रहे| अनंत काल में कुछ लाख वर्षों का कोई अधिक महत्व नहीं है| ॐ तत्सत् !! ॐ ॐ ॐ !!
कृपा शंकर
३१ जुलाई २०२०
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