अल्पसंख्यक कौन है ? खतरे में तो भारत की अस्मिता है ....
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भारत में अल्पसंख्यक होने का मापदंड क्या है ? कश्मीर से मार मार कर सब हिन्दुओं को भगा दिया गया है | दो चार बेचारे इधर उधर छिप कर रह रहे हैं, पर उनको अल्पसंख्यक का दर्जा प्राप्त नहीं है | अल्पसंख्यक होने की सुविधा सिर्फ मुसलमानों को है जो वहाँ अन्य किसी को सहन नहीं करते | भारत की सब सरकारें देश के हिन्दुओं का खून चूसकर कश्मीरी मुस्लिमों को ही विशेष सुविधाएँ देती रही हैं | केरल, बंगाल और त्रिपुरा में हिन्दुओं की हत्याएँ नित्य हो रही हैं | पकिस्तान और बांग्लादेश तो हिन्दुओं के लिए नर्क हैं | भारत में ही हिन्दुओं को विद्यालयों में धार्मिक शिक्षा देने का अधिकार नहीं है जो मुसलमानों और ईसाईयों को प्राप्त है | हिन्दू भावनाओं को नित्य आहत किया जा रहा है | अतः असुरक्षित तो हिन्दू हैं | हिन्दू ही वास्तविक अल्पसंख्यक हैं |
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भारत का सबसे बड़ा रिलिजन इस्लाम है .......
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हिंदुत्व कोई धर्म या रिलिजन नहीं है | हिन्दू कोई धर्म नहीं, एक जीवन पद्धति है जो शैव, वैष्णव, शाक्त, नाथ, आर्यसमाजी, राधास्वामी, कबीरपंथी, दादूपंथी, आदि सम्प्रदायों में बँटी हुई है | ये सम्प्रदाय रिलिजन नहीं हैं | इस हिसाब से इस्लाम भारत का सबसे बड़ा बहुसंख्यक रिलिजन है | ये शैव, वैष्णव, शाक्त, गाणपत्य, नाथ, आर्यसमाजी, राधास्वामी, आदि आदि ये सब सम्प्रदाय अल्पसंख्यक हैं |
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कोई किसी बहुत बड़े संवेधानिक पद पर बैठा हो इसका अर्थ यह नहीं है कि वह एक आदर्श और प्रतिष्ठित ब्यक्ति है | अभी कुछ दिन पूर्व ही एक ओछे विचारों के आदमी ने जो घटिया से घटिया बात की उसकी जितनी निंदा की जाए वह कम है |
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भारतीय परिप्रेक्ष्य में अल्पसंख्यक ओर बहुसंख्यक को परिभाषित करना समय की सबसे बड़ी आवश्यकता है |
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पूरे विश्व को, विशेषतः भारत को इस समय सबसे बड़ा खतरा जेहाद की अवधारणा से है |
यह खतरा इतना भयावह है जिसकी एक सामान्य व्यक्ति पूरी कल्पना भी नहीं कर सकता |
बिना दैवीय शक्तियों की सहायता के इस खतरे से नहीं निपटा जा सकता | दैवीय शक्तियों को जागृत करना ही होगा | भगवान से स्वयं की, समाज की, राष्ट्र की और धर्म की रक्षा के लिए प्रार्थना करें | स्वयं को और समाज को संगठित व बलशाली बनाएँ | अन्यथा हम बड़ी क्रूरता से नष्ट कर दिए जाएँगे |
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ॐ ॐ ॐ ||
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भारत में अल्पसंख्यक होने का मापदंड क्या है ? कश्मीर से मार मार कर सब हिन्दुओं को भगा दिया गया है | दो चार बेचारे इधर उधर छिप कर रह रहे हैं, पर उनको अल्पसंख्यक का दर्जा प्राप्त नहीं है | अल्पसंख्यक होने की सुविधा सिर्फ मुसलमानों को है जो वहाँ अन्य किसी को सहन नहीं करते | भारत की सब सरकारें देश के हिन्दुओं का खून चूसकर कश्मीरी मुस्लिमों को ही विशेष सुविधाएँ देती रही हैं | केरल, बंगाल और त्रिपुरा में हिन्दुओं की हत्याएँ नित्य हो रही हैं | पकिस्तान और बांग्लादेश तो हिन्दुओं के लिए नर्क हैं | भारत में ही हिन्दुओं को विद्यालयों में धार्मिक शिक्षा देने का अधिकार नहीं है जो मुसलमानों और ईसाईयों को प्राप्त है | हिन्दू भावनाओं को नित्य आहत किया जा रहा है | अतः असुरक्षित तो हिन्दू हैं | हिन्दू ही वास्तविक अल्पसंख्यक हैं |
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भारत का सबसे बड़ा रिलिजन इस्लाम है .......
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हिंदुत्व कोई धर्म या रिलिजन नहीं है | हिन्दू कोई धर्म नहीं, एक जीवन पद्धति है जो शैव, वैष्णव, शाक्त, नाथ, आर्यसमाजी, राधास्वामी, कबीरपंथी, दादूपंथी, आदि सम्प्रदायों में बँटी हुई है | ये सम्प्रदाय रिलिजन नहीं हैं | इस हिसाब से इस्लाम भारत का सबसे बड़ा बहुसंख्यक रिलिजन है | ये शैव, वैष्णव, शाक्त, गाणपत्य, नाथ, आर्यसमाजी, राधास्वामी, आदि आदि ये सब सम्प्रदाय अल्पसंख्यक हैं |
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कोई किसी बहुत बड़े संवेधानिक पद पर बैठा हो इसका अर्थ यह नहीं है कि वह एक आदर्श और प्रतिष्ठित ब्यक्ति है | अभी कुछ दिन पूर्व ही एक ओछे विचारों के आदमी ने जो घटिया से घटिया बात की उसकी जितनी निंदा की जाए वह कम है |
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भारतीय परिप्रेक्ष्य में अल्पसंख्यक ओर बहुसंख्यक को परिभाषित करना समय की सबसे बड़ी आवश्यकता है |
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पूरे विश्व को, विशेषतः भारत को इस समय सबसे बड़ा खतरा जेहाद की अवधारणा से है |
यह खतरा इतना भयावह है जिसकी एक सामान्य व्यक्ति पूरी कल्पना भी नहीं कर सकता |
बिना दैवीय शक्तियों की सहायता के इस खतरे से नहीं निपटा जा सकता | दैवीय शक्तियों को जागृत करना ही होगा | भगवान से स्वयं की, समाज की, राष्ट्र की और धर्म की रक्षा के लिए प्रार्थना करें | स्वयं को और समाज को संगठित व बलशाली बनाएँ | अन्यथा हम बड़ी क्रूरता से नष्ट कर दिए जाएँगे |
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पूरे विश्व को, विशेषतः भारत को इस समय सबसे बड़ा खतरा जेहाद की अवधारणा से है |
ReplyDeleteयह खतरा इतना भयावह है जिसकी एक सामान्य व्यक्ति पूरी कल्पना भी नहीं कर सकता |
बिना दैवीय शक्तियों की सहायता के इस खतरे से नहीं निपटा जा सकता | दैवीय शक्तियों को जागृत करना ही होगा | भगवान से स्वयं की, समाज की, राष्ट्र की और धर्म की रक्षा के लिए प्रार्थना करें | स्वयं को और समाज को संगठित व बलशाली बनाएँ | अन्यथा हम बड़ी क्रूरता से नष्ट कर दिए जाएँगे |
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