मन में आने वाले दूषित विचारों पर लगाम लगाएँ .....
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मन में आने वाले दूषित विचारों पर यदि लगाम नहीं लगाई जाए तो सुषुम्ना में कुण्डलिनी का ऊर्ध्वगमन थम जाता है, सहस्त्रार में आनंद रूपी अमृत का प्रवाह बंद हो जाता है, सारे आध्यात्मिक अनुभव स्मृति से लुप्त होने लगते हैं, और उन्नति के स्थान पर अवनती आरम्भ हो जाती है| बहुत कीमती मूल्य चुका कर यह बात मेरे समझ में आई है|
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अतः हर समय अपने विचारों के प्रति सचेत रहें और चिंतन सदा परमात्मा का ही रहे|
जब भी कोई बुरा विचार आये तब अपने इष्ट देव का स्मरण और ॐ शिव शिव शिव शिव शिव का जाप आरम्भ कर दें| भगवान परम शिव अपने शरणागत की सदा रक्षा करते हैं|
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वह परिवर्तन हम स्वयं हैं जो विश्व में हम होते हुए देखना चाहते हैं
नित्य नियमित परमात्मा का ध्यान करने का संकल्प लें| सिर्फ बातों से कुछ नहीं होगा| परिवर्तन एक एक व्यक्ति में ही होता है| हम स्वयं बदलेंगे तो सारा युग बदलेगा| अन्धकार का सकारात्मक प्रतिकार निरंतर होना चाहिए| कोई भी संकल्प और कोई भी योजना तब तक सफल नहीं हो सकती जब तक हम स्वयं ध्यान साधना न करें| पूरे विश्व में उथल-पुथल हो जाए तो भी हमारे ह्रदय में शान्ति बनी रहनी चाहिए| यह शांति ध्यान-साधना द्वारा ही संभव है| जीवन की सारी समस्याओं का समाधान ध्यान साधना द्वारा ही करें क्योंकि ध्यान साधना में जागृत परमात्मा की शक्ति ही सृष्टि की धारा को बदलने में पूर्णतः सक्षम है|
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ॐ तत्सत | ॐ ॐ ॐ ||
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