Friday, 25 April 2025

रामनाम का बैंक आपको लाख गुणा फल देता है ----

रामनाम का बैंक आपको लाख गुणा फल देता है ---
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आजकल स्टॉक मार्केट के व्यवसायी सोशियल मीडिया पर छाए हुये हैं, जो आपको अपने भौतिक धन के विनिवेश की सलाह देते हैं। मैं आपको रामनाम के एक ऐसे बैंक के बारे में बताना चाहता हूँ जिसमें निवेशित आपके भजन का धन दिन दूना और रात चौगुना हो जायेगा। उस धन पर न तो कोई डाका डाल सकता है और न कोई आपको ठग सकता है। उस धन को यमराज भी आपसे नहीं छीन सकता। वह धन जन्म-जन्मांतरों तक आपके काम आएगा। आपको बस इतना ही करना है कि रात्री को सोने से पूर्व दस-पंद्रह मिनट भगवान के नाम का कीर्तन करके सोयें। प्रातःकाल उठते ही कुछ मिनट तक दुबारा भगवान के नाम का कीर्तन करें। पूरे दिन भगवान को अपनी स्मृति में रखें, और स्वधर्म का पालन करें।
आप शाश्वत आत्मा हैं। आत्मा का स्वधर्म है -- परमात्मा को पाने की अभीप्सा। अन्य किसी भी तरह की कोई आकांक्षा न हो। यही हामारा स्वधर्म है।
गीता में भगवान कहते हैं --
"श्रेयान्स्वधर्मो विगुणः परधर्मात्स्वनुष्ठितात्।
स्वधर्मे निधनं श्रेयः परधर्मो भयावहः ॥११:३५॥"
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थोड़े-बहुत स्वधर्म का पालन भी महाभय से रक्षा करेगा ---
"नेहाभिक्रमनाशोऽस्ति प्रत्यवायो न विद्यते।
स्वल्पमप्यस्य धर्मस्य त्रायते महतो भयात्॥२:४०॥"
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भगवान समान रूप से सर्वत्र व्यापात हैं। आप निरंतर उनका नाम-स्मरण कीजिये और पुण्यार्जन कीजिये। इससे बड़ा कोई धर्म नहीं है। भगवान कहते हैं ---
"अनन्यचेताः सततं यो मां स्मरति नित्यशः।
तस्याहं सुलभः पार्थ नित्ययुक्तस्य योगिनः॥८:१४॥"
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और क्या चाहिये? भगवान स्वयं इस बैंक के स्वामी हैं। यह बैंक हर समय आपके कारण शरीर से जुड़ी हुई है, अतः कहीं खो भी नहीं सकती। यह सस्ते से सस्ता और सर्वाधिक लाभदायक सौदा है। इससे अधिक लाभदायक अन्य कुछ भी नहीं है। अब रही बात मेरी फीस यानि मेरे कमीशन की -- तो दो बार भगवान का नाम बड़े प्रेम से लीजिये, मुझे मेरी फीस मिल चुकी है।
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नारायण !! नारायण !! नारायण !! जो भी इन पंक्तियों को पढ़ रहा है, वह धन्य है। मैं उसे नमन करता हूँ।
ॐ तत्सत् !!
कृपा शंकर
२६ अप्रेल २०२४

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