Wednesday, 16 April 2025

हम शक्तिशाली होंगे तो हमारा सर्वत्र सम्मान होगा ----

हम शक्तिशाली होंगे तो हमारा सर्वत्र सम्मान होगा, डरपोक और डब्बू होंगे तो हर जगह सिर्फ मार खाएँगे, जिस तरह इस समय खा रहे हैं।

हिंदुओं को हर तरह की क्लीवता (नपुंसकता) को छोड़कर स्वयं अर्जुन और भगवान श्रीकृष्ण बनना पड़ेगा। दूसरों पर दोषारोपण कर के स्वयं के दब्बूपन, डरपोक होने, और कमजोरी को छिपाने से काम नहीं चलेगा। गीता में भगवान का आदेश है ---
"क्लैब्यं मा स्म गमः पार्थ नैतत्त्वय्युपपद्यते।
क्षुद्रं हृदयदौर्बल्यं त्यक्त्वोत्तिष्ठ परन्तप॥२:३॥"
अर्थात् - हे पृथानन्दन अर्जुन ! इस नपुंसकता को मत प्राप्त हो; क्योंकि तुम्हारे में यह उचित नहीं है। हे परंतप ! हृदय की इस तुच्छ दुर्बलता का त्याग कर के युद्ध के लिये खड़े हो जाओ।
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अब कोई सिद्धांत या विचारधारा मुझे प्रभावित नहीं करती, क्योंकि मेरा लक्ष्य परमात्मा है; कोई सिद्धान्त या विचारधारा नहीं। सिर्फ सनातन धर्म ही ईश्वर-प्राप्ति का मार्ग बताता है। अन्य सब पंथ भटकाव हैं। मेरा मार्ग स्पष्ट है, किसी भी तरह का कोई संशय नहीं है।
ॐ तत्सत् !! ॐ ॐ ॐ !!
१७ अप्रेल २०२३

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